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ओएनजीसी से 1080 करोड़ कम मिला एडवांस टैक्स, पढ़िए पूरी खबर

कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमत मंद रहने और फिर देश में आर्थिक मंदी की लहर का असर ओएनजीसी के राजस्व पर भी पड़ा है।करोड़ रुपये की कमी आई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:42 PM (IST)
ओएनजीसी से 1080 करोड़ कम मिला एडवांस टैक्स, पढ़िए पूरी खबर
ओएनजीसी से 1080 करोड़ कम मिला एडवांस टैक्स, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमत मंद रहने और फिर देश में आर्थिक मंदी की लहर का असर ओएनजीसी के राजस्व पर भी पड़ा है। 15 सितंबर तक जमा कराए गए एडवांस टैक्स के आंकड़े इसकी तस्दीक भी करते हैं, जिसमें पिछले साल की अपेक्षा 1080 करोड़ रुपये की कमी आई है। यह जानकारी प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (उत्तर प्रदेश पश्चिम व उत्तराखंड) पीके गुप्ता ने दी।

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गुरुवार को सुभाष रोड स्थित आयकर भवन में पत्रकारों से रूबरू प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा कि ओएनजीसी जैसी महारत्न कंपनी के आयकर में यह कमी दर्ज होना चिंता की बात है। इसी तरह टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) के एडवांस टैक्स में भी 31 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आना सामान्य स्थिति नहीं है। कुल मिलाकर उत्तराखंड के इन दोनों प्रतिष्ठानों से 15 सितंबर तक 1111.49 करोड़ रुपये का राजस्व कम हुआ। हालांकि, इस सब के बावजूद भी आयकर विभाग कर बढ़ोत्तरी के लिए नियमित रूप से प्रयास कर रहा है। इसका असर भी नजर आ रहा है और एडवांस टैक्स में करीब 30 बड़े कारपोरेट घरानों ने पिछले साल की अपेक्षा अधिक धनराशि जमा कराई है। पिछले साल कारपोरेट घरानों का एडवांस टैक्स 41 करोड़ रुपये के आसपास सिमटा था, जबकि इस दफा यह बढ़कर 75 करोड़ रुपये हो गया है।

ओएनजीसी के एडवांस टैक्स में आया अंतर

  • पिछले साल 15 सितंबर तक, 4900 करोड़ रुपये था।
  • इस साल 15 सितंबर तक 3820 करोड़ रुपये। 

टीएचडीसी के एडवांस टैक्स में अंतर

  • पिछले साल 15 सितंबर तक 112.3 करोड़ रुपये था।
  • इस साल 15 सितंबर तक 80.82 करोड़ रुपये।

ओएनजीसी की स्थिति पर केंद्र सरकार करेगी मंथन

बताया जा रहा है कि ओएनजीसी के एडवांस टैक्स में दर्ज की गई कमी को केंद्र सरकार ने असमान्य माना है। इसको लेकर वित्त मंत्री, वित्त सचिव व सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑड डायरेक्ट टैक्सेशन) के बीच जल्द गहन मंथन भी संभव है।

गैर कारपोरेट सेक्टर में 26.19 फीसद बढ़ा उत्तराखंड

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त पीके गुप्ता ने बताया कि गैर कारपोरेट सेक्टर का प्रदर्शन एडवांस टैक्स में देश के औसत से भी कहीं अधिक रहा। इस सेक्टर में एडवांस टैक्स की दर पिछले साल की अपेक्षा 26.19 फीसद अधिक रही।

पीके गुप्ता ने कहा कि आर्थिक मंदी के बाद भी इस तरह के परिणाम बताते हैं कि आयकर विभाग पूरी मेहनत से काम कर रहा है। यदि मंदी का दौर शुरू न हुआ होता तो शायद यह इजाफा 45 फीसद को भी पार कर सकता था। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा कि इस साल अप्रैल से लेकर अब तक उत्तराखंड में एक भी आयकर सर्वे नहीं किया गया है। गैर निरोधात्मक कर प्रणाली के तहत यह निर्णय लिया गया। हालांकि, अब ताबड़तोड़ सर्वे किए जाएंगे। मगर, इसमें कार्मिकों में सख्त हिदायत दी गई है कि सर्वे के दौरान किसी भी व्यक्ति का उत्पीड़न न किया जाए। सर्वे भी तभी किए जाएं, जब यह पुख्ता जानकारी मिल जाए कि कर भी अपवंचना की जा रही है। उन्होंने उत्तराखंड में एक डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी पर किए गए सर्वे का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी टीम ने बेहद सम्मान के साथ प्रतिष्ठान पर सर्वे किया। जिसका परिणाम यह रहा कि आयकर विभाग को डेयरी प्रोडक्ट कंपनी से बिना जोर-आजमाइश के ही 55 करोड़ रुपये का राजस्व मिल गया। इसमें से आठ करोड़ रुपये एडवांस टैक्स के रूप में जमा भी करा दिए गए हैं।

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माइक्रो लेवल पर रखी जाएगी नजर

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने कहा कि निजी कंपनियों की कर अपवंचना की प्रवृत्ति को दूर करने के लिए सभी की माइक्रो लेवल पर निगरानी की जाएगी। देश के इस साल के 13.50 लाख करोड़ रुपये के आयकर लक्ष्य को देखते हुए यह निर्देश सीबीडीटी अध्यक्ष स्तर से दिए गए हैं। पिछले साल भी देश को 11.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 10.38 लाख करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हो पाया था। सिर्फ उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश (पश्चिम) ही ऐसा क्षेत्र रहा, जहां आयकर लक्ष्य से 250 करोड़ रुपये अधिक प्राप्त किए गए।  इसके साथ ही करदाताओं की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश (पश्चिम) में इस साल छह लाख नए करदाता जोड़ने हैं और अब तक 50 हजार से अधिक नए करदाता जोड़ दिए गए हैं।

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