खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने 50 किलो घटिया पनीर पकड़ा, नष्ट किया
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने चंद्रबनी चोयला में छापेमारी कर तकरीबन 50 किलो घटिया पनीर पकड़ा और उसे नष्ट कराया है।
देहरादून, जेएनएन। डेयरी पर बिकने वाले दूध, घी और पनीर पर आख मूंदकर भरोसा मत कीजिए। क्योंकि मिलावटखोर आप की आंख में धूल झोंक रहे हैं। अभी कुछ दिन हुए जब भुड्डी गांव में नकली घी और पनीर बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी, लेकिन इस कार्रवाई का असर नहीं दिख रहा है। आसपास के खाद्य कारोबारी अब भी निडर होकर मिलावट कर रहे हैं।
गुरुवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने चंद्रबनी चोयला छापेमारी की। यहां एक सुनसान जगह पर स्किम्ड मिल्क से पनीर तैयार किया जा रहा था। टीम ने तकरीबन 50 किलो घटिया पनीर नष्ट कराया है। ग्रामीण के खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पाडेय को शिकायत मिली थी कि चंद्रबनी चोयला में एक व्यक्ति सुनसान स्थान पर एक घर में घटिया गुणवत्ता का पनीर बनाकर लोगों को बेचता है।
इस पर पाडेय ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह के साथ मिलकर मौके पर छापा मारा तो हड़कंप मच गया। यहां पर एक व्यक्ति स्किम्ड मिल्क यानी पाउडर से पनीर बनाता मिला। टीम ने करीब 50 किलो पनीर नष्ट कराया। इसके अलावा पनीर का सैंपल भी लिया गया है। बताया गया कि पनीर बहुत ज्यादा गंदगी के बीच बनाया जाता था। पनीर को ईंटों से दबाया जाता था। यह भी पता लगा है कि पनीर 220 रुपये किलो तक आसपास के लोगों को बेचा जाता था। जिला अभिहित अधिकारी जीसी कंडवाल ने बताया कि आगे भी इस तरह की कार्रवाई की जाती रहेगी।
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तीन तरीकों से करें नकली पनीर की पहचान
- पनीर का टुकड़ा हाथ में मसलकर देखें। अगर यह टूटकर बिखरे तो समझ लीजिए मिलावटी है, क्योंकि इसमें मौजूद कैमिकल दबाव नहीं सह पाता।
- पनीर को पानी में उबाल ठंडा कर लें। ठंडा हो जाए तो उस पर कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। अगर पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि यह मिलावटी है।
- नकली पनीर ज्यादा टाइट होता है। उसका टैक्सचर रबड़ की तरह होता है।
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