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154 और लोग डेंगू की चपेट में

डेंगू का डंक गहराता ही जा रहा है। आए दिन डेंगू के नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य महकमा हलकान है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:37 AM (IST)
154 और लोग डेंगू की चपेट में
154 और लोग डेंगू की चपेट में

जागरण संवाददाता, देहरादून: डेंगू का डंक गहराता ही जा रहा है। आए दिन डेंगू के नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य महकमा हलकान है। वहीं घातक होता वायरस का स्ट्रेन मरीजों की जान भी ले रहा है। बुधवार को प्रदेश में 154 और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 85 मरीज देहरादून से हैं। जबकि नैनीताल में 54 और ऊधमसिंह नगर में 15 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। बता दें, प्रदेश में अब तक 3423 लोगों को डेंगू डंक मार चुका है। जबकि अब तक इस बीमारी से 11 मरीजों की जान भी जा चुकी है।

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स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार देहरादून के अलावा नैनीताल, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में डेगू का मच्छर ज्यादा कहर बरपा रहा है। देहरादून में डेगू मरीजों की संख्या बढ़कर 2183 हो गई है। जबकि नैनीताल में 1012, हरिद्वार में 104 व ऊधमसिंह नगर में अब तक 87 मरीजों को डेंगू का डंक लग चुका है। अन्य जनपदों की बात करें तो टिहरी में अब तक 15, पौड़ी गढ़वाल में 12, अल्मोड़ा में आठ और चंपावत व रुद्रप्रयाग में एक-एक मरीज में डेगू की पुष्टि हो चुकी है। खास बात यह कि सुबह व रात को मौसम में ठंडक के बाद भी डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है। क्योंकि डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए विभागीय स्तर पर पूर्व में की गई तैयारियां नाकाफी साबित हुई हैं। लार्वा सर्वे किया

विभागीय स्तर पर गठित टीमें घर-घर पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और लार्वा सर्वे भी किया जा रहा है। जिन घरों में मच्छर का लार्वा मिल रहा है, उसको नष्ट किया जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी उपचार की समुचित सुविधा मिल रही है। बताया गया कि डेंगू से पीड़ित 3020 मरीज ठीक हो चुके हैं। जबकि विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में वर्तमान में 403 डेगू के मरीज भर्ती हैं। डेंगू से निपटने में राज्य सरकार ने की चूक

- दून अस्पताल पहुंचकर जाना मरीजों का हाल

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती डेंगू के मरीजों का हाल जाना। साथ ही अस्पताल प्रबंधन से मरीजों को दिए जाने वाले उपचार की जानकारी भी ली। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने उन्हें बताया कि अस्पताल में डेंगू के 32 मरीज भर्ती हैं। नए मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था है। बताया कि अधिकांश मरीज स्वास्थ्य लाभ लेकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में पूर्व सीएम ने डेंगू पर राज्य सरकार को घेरा। कहा कि हर बार बरसात के मौसम डेंगू फैलता है। लेकिन इस बार सरकार द्वारा बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए पूर्व से पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे। शुरुआती चरण में ही सरकार ने इस बीमारी से निपटने में चूक की। जिस वजह से पहाड़ व मैदान में डेगू महामारी का रूप ले रहा है। कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा भी है। बावजूद इसके राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में समुचित इलाज नहीं मिल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने किया निरीक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने बुधवार को डालनवाला स्थित कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय का दौरा किया। तीन सदस्यीय टीम ने अस्पताल प्रबंधन से डेगू के मरीजों की रिपोर्ट भी तलब की। अस्पताल पहुंचने के बाद टीम में शामिल विशेषज्ञ चिकित्सकों ने डेगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए बनाए गए वार्डो का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मरीजों से बात कर उन्हें मिलने वाले उपचार के बारे में जानकारी भी ली। कोरोनेशन अस्पताल में डेंगू के 36 और गांधी शताब्दी अस्पताल में 31 मरीज भर्ती हैं। टीम ने पैथोलॉजी लैब से भी जांच का आंकड़ा जुटाया। मरीजों को दिए जा रहे उपचार व सफाई व्यवस्था से टीम कुछ हद तक संतुष्ट दिखी। निरीक्षण के दौरान कोरोनेशन अस्पताल के सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ. जेपी नौटियाल भी उनके साथ मौजूद रहे। सीएचसी रायपुर में एलाइजा जांच आज से

रायपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भी अब डेंगू की एलाइजा जांच होगी। यहां पर एलाइजा रीडर मशीन लगा दी गई है। गुरुवार से अस्पताल में मरीजों के ब्लड सैंपल की एलाइजा जांच की जाएगी। हालांकि वर्तमान में अस्पताल में एक ही तकनीशियन तैनात है। जिस पर पहले से ही काम का ज्यादा दबाव है। लिहाजा अब मरीजों की एलाइजा जांच करने में अस्पताल प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद शुक्ला ने एक और तकनीशियन तैनात करने की मांग मुख्य चिकित्साधिकारी से की है। बता दें, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, कोरोनेशन अस्पताल व गांधी अस्पताल की लैब में पहले ही एलाइजा जांच की सुविधा है। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य सचिव व जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सीएचसी रायपुर में भी एलाइजा रीडर मशीन लगाने के निर्देश दिए थे। दून अस्पताल में आधे बेड खाली

एनएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति डॉ. हेम चंद्र ने बुधवार को दून अस्पताल को निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने पाया गया कि अस्पताल में इस समय डेंगू के 32 मरीज भर्ती है। अस्पताल मे इस समय डेंगू वार्ड में 65 बेड हैं। जिनमें से आधे इस समय खाली है। अस्पताल में मरीजों को मिल रही भोजन व्यवस्था और पैथोलॉजी लैब की व्यवस्था भी ठीक पाई गई। घर-घर जाकर किया जागरूक

डेंगू को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए उत्तरांचल विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एप्लाइड एंड लाइफ साइंस ने जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरोत्तम शर्मा व प्राचार्य डॉ. अजय सिंह ने किया। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने घर-घर जाकर लोगों को डेंगू की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. निशेष शर्मा ने की।


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