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मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में समिति

प्रदेश में सीधी भर्तियों में आरक्षण के लिए जारी नए रोस्टर को लेकर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 09:36 PM (IST)
मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में समिति
मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में समिति

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में सीधी भर्तियों में आरक्षण के लिए जारी नए रोस्टर को लेकर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। इस समिति के अन्य सदस्यों के संबंध में जल्द फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि, प्रदेश में पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने के कारण इस पर जल्द कोई निर्णय होने की संभावना बेहद कम हैं। आचार संहिता की अवधि में लिया गया कोई भी निर्णय आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आ सकता है।

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प्रदेश में सीधी भर्ती में आरक्षण को लेकर कुछ समय पहले ही शासन ने नया रोस्टर लागू किया है। इसके बाद से ही यह विवादों में आ गया है। दरअसल, पुराने रोस्टर में पहला पद अनुसूचित जाति का था। नए रोस्टर में पहले पांच पद जनरल को और अनुसूचित जाति को दिए जा रहे 19 प्रतिशत आरक्षण को आधार बनाते हुए छठें स्थान पर रखा गया है। इस नए रोस्टर का एससी एसटी इंप्लाइज फेडरेशन विरोध कर रही है और पुराने रोस्टर पैटर्न को लागू करने की मांग कर रही है। वहीं, जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन नए रोस्टर के समर्थन में है और इसमें बदलाव न किए जाने की मांग कर रहा है।

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत अन्य विधायकों व कर्मचारी संगठनों की मांग को देखते हुए सरकार ने नए रोस्टर का फिर से परीक्षण कराने का निर्णय लिया है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा रहा है। हालांकि, इस समिति में कितने सदस्य होंगे इस संबंध में जल्द शासनादेश जारी होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बयान में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में समिति बनाए जाने की पुष्टि की है।

वहीं, सूत्रों की मानें तो भले ही नए रोस्टर का परीक्षण किया जा रहा है लेकिन इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। कारण यह कि प्रदेश में अभी पंचायत चुनावों को लेकर आचार संहिता लागू है जो अगले माह नतीजे आने तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि में सरकार ऐसा कोई निर्णय नहीं ले सकती जो किसी वर्ग विशेष को लाभ दे। इस कारण समिति इसके बाद ही कोई निर्णय देगी।


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