पंचायतों में आरक्षण में बदलाव पर सचिव ने उठाया सवाल
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ठीक पहले सात जिलों में पंचायतों में 35 पदों के आरक्षण में किए गए बदलाव को लेकर सचिव पंचायतीराज ने सवाल उठाया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ठीक पहले सात जिलों में पंचायतों में 35 पदों के आरक्षण में किए गए बदलाव को लेकर सचिव पंचायतीराज ने सवाल उठाया है। इस सिलसिले में उन्होंने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से पूछा है कि क्या पहले निर्धारित किया गया आरक्षण त्रुटिपूर्ण था। इसके अलावा निदेशक पंचायतीराज को भी आरक्षण में बदलाव के कारण को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट ने बदलाव का कारण बताने को कहा था, मगर इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग व ऊधमसिंहनगर जिलों में ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्य के 44 पदों पर हुए आरक्षण को कुछ लोगों ने हाईकोर्ट ने चुनौती दी थी। अदालत ने मसले का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ताओं को निदेशक पंचायतीराज के समक्ष प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए। इसके बाद निदेशक पंचायतीराज ने आरक्षण से संबंधित आपत्तियों का निस्तारण करते हुए चुनाव की अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले 12 सितंबर को इसकी सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी थी। इसके तहत इन जिलों में ब्लाक प्रमुख के आठ, ग्राम प्रधानों के 10 और जिला पंचायत सदस्य के 17 पदों के आरक्षण में बदलाव किया गया।
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अलबत्ता, नौ पदों पर आरक्षण यथावत रखा गया।इस मामले में अब नया मोड़ आया है। सचिव प्रभारी पंचायतीराज डॉ.रंजीत सिन्हा ने आरक्षण में बदलाव को लेकर सवाल उठाया है। डॉ.सिन्हा के अनुसार एक पद के आरक्षण में बदलाव करने पर दूसरा पद भी प्रभावित होता है। इसे देखते हुए उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर पूछा है कि क्या पूर्व में त्रिस्तरीय पंचायतों में पदों के लिए किया गया आरक्षण त्रुटिपूर्ण था। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने आरक्षण में बदलाव का कारण भी स्पष्ट करने के आदेश दिए थे। निदेशक पंचायतीराज ने आरक्षण को लेकर आपत्तियों पर सुनवाई के बाद आरक्षण में जो बदलाव किया है, उसका कारण स्पष्ट नहीं किया है। इस बारे में निदेशक पंचायतीराज से भी पूछा गया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार तक जवाब मिलने की उम्मीद है।
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