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रंग-बिरंगी छतरियों और स्टाइलिश रेनकोट से भरा है बाजार, जानिए और क्या है खास

दून का बाजार स्टाइलिश रेनकोट पारदर्शी बरसाती और रंग-बिरंगे छाते से भर गया है। बाजार में इनके खरीददारों की भी भीड़ जुटी हुई है।

By Edited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 04:05 PM (IST)
रंग-बिरंगी छतरियों और स्टाइलिश रेनकोट से भरा है बाजार, जानिए और क्या है खास
रंग-बिरंगी छतरियों और स्टाइलिश रेनकोट से भरा है बाजार, जानिए और क्या है खास
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में मानसून की करवट लेते ही बाजार में भी मानसून की रौनक दिखने लगी है। दून का बाजार स्टाइलिश रेनकोट, पारदर्शी बरसाती और रंग-बिरंगे छाते से भर गया है। बाजार में इनके खरीददारों की भी भीड़ जुटी हुई है। मौसम के बदलते ही फैशन भी करवट लेता है। गर्मी और सर्दी में इसके साथ तालमेल बैठाना आसान होता है, लेकिन मानसून में इंडोर से लेकर आउटडोर तक फैशन का पूरा मिजाज बदल जाता है। शादी का सीजन फिलहाल नहीं है, इसलिए बाजार में इन दिनों कैजुअल कपड़ों की खरीदारी पर जोर है। इसके साथ ही रेनकोट, वाटर प्रूफ जूते, रबर से बनी सैंडिल, चप्पल के साथ ही एक से बढ़कर एक डिजाइन के छातों की बहार आ गई है। पसंद किए जा रहे पारदर्शी रेनकोट बाजार में रेनकोट की काफी विस्तृत रेंज हैं। सस्ते और कामचलाऊ रेनकोट से लेकर ब्राडेड कंपनियों के मजबूत और टिकाऊ रेनकोट की भरमार है। यूज एंड थ्रो रेनकोट सौ रुपये में मिल जाएगा, लेकिन अगर आप सस्ता रोए बार-बार और महंगा एक बार पर विश्वास करते हैं तो दो हजार रुपये तक के रेनकोट भी आपके लिए उपलब्ध हैं। 
पलटन बाजार के रेनकोट और छाता विक्रेता गौरव आहूजा ने बताया कि ज्यादातर लोग पारदर्शी रेनकोट पसंद कर रहे हैं। बच्चों के लिए ऐसे रेनकोट खरीदे जा रहे हैं जिसमें उनका स्कूल बैग की भीगने से बचे। 220 से लेकर 1200 रुपये तक है छातों की कीमत मानसून में सबसे ज्यादा डिमाड छातों की है। परंपरागत काले रंग के छातों के बजाए रंगीन और डिजाइनर छाते पसंद किए जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि मानसून में रंगीन छाता भीगे-भीगे मौसम में खुशनुमा माहौल का एहसास कराता है। फैमिली के लिए बड़े छाते हैं, जिनमें एक ही छाते के नीचे दो लोग आसानी से बारिश में भीगने से बच सकते हैं। जबकि महिलाओं के लिए पर्स में रखे जा सकने वाले छोटे छाते हैं, जिनके डिजाइन और कलर पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया गया है। ग‌र्ल्स के लिए पिंक, रेड, ग्रीन कलर में छाते हैं तो स्कूली बच्चों के लिए मिक्की माउस, कार्टून कैरेक्टर और हल्के वजन वाले छाते। जिनकी कीमत 220 रुपये से शुरू होती है और आप अपनी जेब के अनुसार एक हजार रुपये से अधिक के स्पेशल छाता भी ले सकते हैं। 
सीजन से जुड़ी चीजों की बिक्री में 50 फीसद इजाफा 
जुलाई में स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है और मानसून सीजन भी पूरे शबाब पर होता है। इसलिए रेनकोट स्कूली बच्चों की सबसे बड़ी जरूरत है। साथ ही दोपहिया वाहन इस्तेमाल करने वाले और आउटडोर में काम करने वाले नौकरीपेशा, व्यवसायी व आम लोग भी भीगने से बचने के लिए रेनकोट खरीदते हैं। इसके साथ ही बरसात के पानी में चमड़े के जूतों की बजाय रबर से बने वाटर प्रूफ जूतों का इस्तेमाल करना ही समझदारी है। इस मौसम में छाते के बिना बाहर निकले तो भीगना तय है। इसलिए लोगों की जरूरत को समझते हुए बाजार में कलरफुल डिजाइनर छातों की विस्तृत रेंज उपलब्ध है। व्यापारियों की मानें तो बरसात का सीजन सितंबर तक चला तो इस बार कारोबार अच्छा रहेगा। जुलाई में ही रेनकोट, रबर शूज, सैंडिल और छातों की बिक्री में पचास प्रतिशत इजाफा हुआ है।

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