कृषि भूमि के लैंडयूज चेंज को सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास देने में कृषि भूमि के लैंडयूज चेंज पर रोक के कारण तमाम पात्र लोगों का घर का सपना साकार नहीं हो पा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास देने में कृषि भूमि के लैंडयूज चेंज पर रोक के कारण तमाम पात्र लोगों का घर का सपना साकार नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार अब इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है।
राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक लाख से अधिक लोगों को छत मुहैया कराने की योजना है। इसके तहत हजारों आवेदक ऐसे हैं, जिनके नाम कृषि भूमि है। इनके प्रस्तावों को केंद्र सरकार ने स्वीकृत भी कर दिया था। इसमें कृषि भूमि में छह लाख रुपये की लागत से घर बनाने की शर्त रखी गई थी। बावजूद इसके वे घर की साध पूरी नहीं कर पा रहे हैं। वजह ये कि राज्य में कृषि भूमि के लैंडयूज चेंज पर रोक है।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार कृषि भूमि के लैंडयूज चेंज पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। इसे देखते हुए सरकार अब इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रही है, ताकि पीएम आवास योजना में आवेदन करने वाले लोगों का घर का सपना पूरा हो सके।
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि पीएम आवास योजना में भवन देने की योजना है। कुछ मामलों में दिक्कतें हैं। दरियाबुर्ज भूमि का लैंडयूज चेंज होना है और इसे आवासीय करना होगा। आम लोगों को आवास देने के लिए इस दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।