ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला पुल को हमेशा के लिए बंद करने की तैयारी
उत्तराखंड शासन के आदेश के बाद लोनिवि ने लक्ष्मण झूला पुल को हमेशा के लिए बंद करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। दुपहिया वाहन तो नहीं चले लेकिन पैदल आवाजाही जारी रही।
ऋषिकेश, जेएनएन। शासन के आदेश के बाद लोनिवि ने लक्ष्मण झूला पुल को हमेशा के लिए बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। रविवार को पुल पर दुपहिया वाहन तो नहीं चले, लेकिन पूरे दिन पैदल आवाजाही जारी रही।
मियाद पूरी कर चुके 90 वर्ष पुराने लक्ष्मणझूला पुल को आमजन के लिए खतरा मानते हुए शासन ने इसे बंद करने के दो दिन पूर्व आदेश जारी किए थे। लेकिन, लोगों के विरोध को देखते हुए लोनिवि नरेंद्रनगर खंड को पुल के दोनों ओर बल्लियां लगाकर सिर्फ पैदल चलने की छूट देनी पड़ी। रविवार को पुल पर दुपहिया वाहन नहीं चले, लेकिन पैदल आवाजाही पूरे दिन जारी रही। यमकेश्वर क्षेत्र की विधायक रितु खंडूड़ी ने भी अधिकारियों के साथ पुल की व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही लोनिवि के अधिकारी भी पुल को हमेशा के लिए बंद करने का फैसला ले चुके हैं।
रविवार को आइजी जोन अजय रौतेला ने भी मुनिकीरेती में आयोजित बैठक में लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान से पुल के संबंध में जानकारी मांगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुल को हमेशा के लिए बंद किया जा रहा है। शाम को एडीएम टिहरी शिवशंकर द्विवेदी, एएसपी टिहरी स्वप्निल कुमार सिंह, एसडीएम नरेंद्रनगर युक्ता मिश्रा व पुलिस उपाधीक्षक पीएस शाह के साथ लोनिवि के अधिशासी अभियंता एसएल गोयल ने पुल का मौका-मुआयना किया। विभाग की टीम ने पुल को बंद किए जाने वाले स्थान की नापजोख भी की। उधर, लक्ष्मणझूला पुल पर दुपहिया वाहनों की आवाजाही रुकने के कारण रामझूला पुल पर दुपहिया का लोड बढ़ गया है।
दूसरी ओर, लक्ष्मणझूला पुल को हमेशा के लिए बंद करने के फैसले की भनक लगते ही लक्ष्मण झूला क्षेत्र के व्यापारी और स्थानीय लोग लामबंद होने लगे हैं। व्यापार मंडल स्वर्गाश्रम के अध्यक्ष डॉ. नारायण सिंह रावत ने कहा कि पुलिस-प्रशासन की मंशा अब कावड़ यात्रा की आड़ में रामझूला पुल पर भी दुपहिया वाहनों को रोकने की है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा, क्योंकि ऋषिकेश से आवाजाही का रामझूला के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है।
जर्जर पुलों के सेफ्टी ऑडिट में जुटा लोनिवि
पुलों की सुरक्षा पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हस्तक्षेप के बाद लोक निर्माण विभाग भी हरकत में आ गया है। विभाग नए सिरे से जर्जर और दोगुना ट्रैफिक दबाव वाले पुलों पर सुरक्षा मानकों की जांच कराएगा। इसके लिए विभाग ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के करीब दो हजार पुलों की सूची पर मंथन कर जिलों से रिपोर्ट मांगी है। खासकर सुरक्षा की मियाद के करीब पहुंचे 235 पुलों पर इसी माह सुरक्षा रिपोर्ट देने को कहा गया है। ताकि इन पुलों की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाए जा सकें।
लक्ष्मण झूला पुल की सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के आंख-कान खोल दिए हैं। इससे अब राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में बने ढाई हजार पुलों की सुरक्षा पर भी सभी का ध्यान आकर्षित हो गया है। हालांकि इनमें से अधिकांश पुल नए बनाए गए हैं। लेकिन 30 फीसद से ज्यादा पैदल, मोटर पुल अपनी मियाद पुरी करने के करीब पहुंच गए हैं। इसी तरह सिंगल लेन से डबल लेन सड़क, स्टेट हाईवे से नेशनल हाईवे, चारधाम यात्रा रूट, पर्यटक स्थल आदि से भी 235 पुल जुड़े हुए हैं। इन पुलों पर अचानक ट्रैफिक का लोड बढऩे से सुरक्षा खतरे में है। ऐसे में इन पुलों पर सुरक्षा के मानकों की गहनता से जांच कराई जानी जरूरी है। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि 66 मोटर और पैदल पुलों पर ज्यादा दिक्कतें हैं। इन पुलों पर ट्रैफिक का दबाव बढऩे के साथ ही इनकी मियाद करीब आ गई हैं। भारी वाहनों की आवाजाही से भी पुलों को खतरा बना हुआ है। ऐसे में सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए गए कि वह अपने-अपने क्षेत्र के पुलों पर सुरक्षा मानकों की जांच कराएं। इसकी रिपोर्ट भी समय पर मुख्यालय को देने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ओम प्रकाश (अपर मुख्य सचिव, लोनिवि देहरादून) का कहना है कि प्रमुख अभियंता को सभी पुलों की सुरक्षा जांचने के निर्देश दिए गए हैं। जो पुल जर्जर हाल में पहुंच गए हैं, उनकी जगह नए पुल बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसी साल से पुलों के निर्माण की कार्रवाई शुरू की जाएगी। ताकि समय पर पुल तैयार हो सकें।
सेवा का अधिकार में भी लोनिवि कर रहा मनमानी
लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सेवा का अधिकार पर भी मनमानी कर रहे हैं। सितंबर 2018 को मांगी गई लंबित कार्यों के निस्तारण की जानकारी न देने पर आयोग ने नाराजगी जाहिर की है। कहा कि पूर्व में की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट देने में विभाग लापरवाही कर रहा है। आयोग ने अब विभाग को हर हाल में माह की 10 तारीख तक जिलाधिकारी के मार्फत रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
सड़क, पुल, नाली, फुटपाथ आदि आम जनता से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी लोनिवि के कंधों पर है, लेकिन विभाग की योजनाओं का लाभ न मिलने से कई बार लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोग अक्सर विभाग के पास समस्या को लेकर शिकायत करते हैं। जबकि विभाग है कि जन समस्याओं के निस्तारण में फिसड्डी साबित हो रहा है। यही नहीं विभाग के अधिकारी इस संबंध में न तो कोई रिपोर्ट सौंप रहे हैं और न ही जानकारी मुहैया करा रहे हैं। ताजा मामला मुख्य आयुक्त सेवा का अधिकार आयोग के 18 सितंबर 2018 को की गई कार्रवाई से जुड़ा है। इस मामले में आयोग ने विभाग से प्रगति रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन, विभाग ने सेवा का अधिकार अधिनियम से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट पर कुंडली मार दी। 27 जून 2019 को बैठक हुई तो आयोग ने मांगी गई सूचनाएं न देने पर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद आयोग ने विभाग निर्धारित प्रारूप में 15 दिन के भीतर सूचनाएं देने के निर्देश दिए हैं।
हरिओम शर्मा (प्रमुख अभियंता, लोनिवि, उत्तराखंड) का कहना है कि आयोग के निर्देश पर सभी मुख्य अभियंताओं को पत्र लिखते हुए सूचनाएं समय पर देने को कहा गया है। समस्त वृत्तीय, खंडीय कार्यालयों से तत्काल सूचनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। मासिक प्रगति रिपोर्ट भी 10 तारीख से पहले दी जाएगी।
लक्ष्मण झूला बाजार रखा गया पूरी तरह बंद
लक्ष्मण झूला पुल को बंद किए जाने संबंधी आदेश के खिलाफ सोमवार को जनपद टिहरी का तपोवन लक्ष्मण चौक और जनपद पौड़ी का लक्ष्मण झूला बाजार पूरी तरह बंद रखा गया है। तपोवन चौक पर स्थानीय नागरिक और व्यापारी धरना देकर बैठ गए हैं। उधर लक्ष्मण झूला में पुल बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार की रात शिव चौक पर स्थानीय व्यापारी बेमियादी धरने पर बैठ गए थे। सोमवार को धरना जारी है। पुल को अभी पैदल लोगों के लिए खुला रखा गया है। स्थानीय लोग लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर और टिहरी प्रशासन से पुल को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं। लोनिवि के सहायक अभियंता एसएल गोयल ने बताया कि आज पुल के दोनों साइट पर लोहे की चादर और एंगल स्थाई तौर पर लगाएं जाएंगे। कांवड़ मेला को देखते हुए स्थानीय लोगों के आवागमन के लिए तीन फीट का रास्ता फिलहाल छोड़ा जाएगा।
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