कड़ी परीक्षा के बाद ही मिलेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, सोमवार से यहां होगा टेस्ट Dehradun News
देहरादून में भी कड़ी परीक्षा के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा। परिवहन विभाग ने सोमवार से आइडीटीआर झाझरा में सभी नए लाइसेंस आवेदकों के ड्राइविंग टेस्ट का फैसला किया है।
देहरादून, जेएनएन। मुंबई, दिल्ली और बंगलुरू आदि शहरों की तर्ज पर अब देहरादून में भी कड़ी परीक्षा के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा। परिवहन विभाग ने सोमवार से आइडीटीआर झाझरा में सभी नए लाइसेंस आवेदकों के ड्राइविंग टेस्ट का फैसला किया है। बीते एक माह से इस पर कवायद चल रही थी। दून आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि आडीटीआर में टेस्ट के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहां टेस्ट शुरू कराने के लिए मुख्यालय से मंजूरी मांगी गई थी। शुक्रवार की शाम उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने सोमवार से टेस्ट कराने की मंजूरी दे दी। मौजूदा वक्त में चल रही सिम्युलेटर टेस्ट की प्रक्रिया इसके बाद खत्म हो जाएगी। निजी वाहन चालकों को भी व्यवसायिक के समान ड्राइविंग ट्रैक पर परीक्षा देनी पड़ेगी।
उप परिवहन आयुक्त ने बताया कि यह कोशिश की जा रही थी कि एक जुलाई से पूरा ड्राइविंग लाइसेंस सेक्शन को झाझरा में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में शिफ्ट कर दिया जाए। मगर व्यवस्था पूरी न होने के चलते इसमें पंद्रह दिन का समय लगा। अब वहां सभी व्यवस्था पूरी हो गई हैं, लिहाजा सोमवार से सभी लाइसेंस वहीं बनेंगे। परीक्षा पास करने के बाद आवेदकों का लाइसेंस डाक से सीधे घर पहुंचेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए कोई भी आटोमेडेट टेस्टिंग लेन न होने की वजह से परिवहन विभाग अभी तक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों की ओर से जारी प्रमाण-पत्रों पर ही आवेदकों को भारी, मध्यम व हल्के व्यावसायिक और निजी वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर रहा है।
इसमें फर्जीवाड़े की आशंका बनी रहती है व जुगाड़बाजी से कईं दफा गैर-अनुभवी चालक भी लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। लाइसेंस में जुगाड़बाजी बंद करने के लिए परिवहन विभाग ने सबसे पहले देहरादून आरटीओ दफ्तर से लाइसेंस प्रक्रिया आइडीटीआर झाझरा में शिफ्ट करने का फैसला लिया था। व्यावसायिक डीएल के लिए भौतिक परीक्षा बीती 18 फरवरी से झाझरा में शुरू कर दी गई थी। सोमवार से शनिवार तक ये परीक्षा दोपहर तीन से पांच बजे संभागीय परिवहन निरीक्षक के सामने ली जा रही। विभाग तभी से दूसरे चरण के तहत निजी कार और दुपहिया की लाइसेंस परीक्षा को भी झाझरा शिफ्ट करने के प्रयास कर रहा था।
आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि सोमवार से सभी वाहनों का लाइसेंस टेस्ट झाझरा में लिया जाएगा। आरटीओ आफिस में सिम्युलेटर टेस्ट प्रक्रिया इसके बाद बंद हो जाएगी। झाझरा में ड्राइविंग टेस्ट के लिए ट्रैक, हिल ट्रैक व रीवर्स पार्किंग आदि की सुविधा है। परीक्षा लेने के लिए आरटीओ से आरआइ और स्टाफ वहां तैनात रहेगा।
लर्निंग डीएल के लिए होंगे विकल्प
लर्निंग डीएल के लिए परीक्षा देने के दो विकल्प रहेंगे। आवेदक यदि आरटीओ में लर्निंग के लिए परीक्षा देना चाहते हैं तो वे आरटीओ में आ सकते हैं और अगर उन्हें आइडीटीआर मुफीद लगता है तो वहां का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, परमानेंट लाइसेंस में दूसरा विकल्प नहीं होगा।
गाड़ी पार्क करना सबसे कठिन
पांच मिनट के ट्रैक पर आपको सीसी टीवी कैमरों व सेंसर की निगरानी में टेस्ट देना पड़ेगा। कार के लाइसेंस आवेदकों के लिए सबसे कठिन गाड़ी को पार्क करने की परीक्षा होगी। दरअसल, ट्रैक पर बाकायदा स्थान बनाए गए हैं, जहां सीधे चलाते हुए और बैक करते समय गाड़ी पार्क करनी है। यदि गाड़ी निर्धारित स्थान से जरा सा इधर उधर हुई या लाइन पर होती है तो आवेदक फेल माना जाएगा।
जिनके स्लॉट बुक, उनकी बढ़ी मुसीबत
डीएल टेस्ट के लिए आवेदन कर चुके जिन आवेदक को 15 जुलाई से 20 जुलाई तक के स्लॉट मिले हुए हैं, उनकी मुसीबत बढ़ गई है। पहले परिवहन विभाग कोशिश कर रहा था कि ऐसे आवेदकों को मैसेज के जरिए सूचित कर सीधे झाझरा बुलाया जाए, लेकिन स्लॉट सीमित होने के चलते ये कर पाना संभव नहीं हुआ। अब इन आवेदकों का आरटीओ कार्यालय में पहले सिम्युलेटर पर टेस्ट लिया जाएगा और फिर एक हफ्ते बाद आइडीटीआर में ट्रैक पर टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। आरटीओ ने बताया कि ये प्रयास किए जा रहे हैं कि स्लॉट बुक वाले आवेदकों को परेशानी न हो।
बेहद कठिन होगी झाझरा की डगर
हादसों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट की प्रकिया भले ही जटिल कर रहा हो, मगर आमजन के लिए यह बेहद भारी पडऩे वाली है। परीक्षा का जटिल होना सही है, मगर परीक्षास्थल तक पहुंचना आवेदकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। महिलाओं के लिए तो सुरक्षा संबंधी चिंता भी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में कुछ परेशानी जरूर हो सकती है, मगर धीरे-धीरे विभाग सभी दिक्कतें दूर करने का प्रयास करेगा।
आखिरकार डेढ़ माह की कसरत के बाद परिवहन विभाग ने सोमवार से डीएल टेस्ट झाझरा में लेने का फैसला तो कर लिया पर आवेदकों को वहां तक जाने में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों पर विभाग का ध्यान नहीं गया। शहर से लगभग 20 किमी दूर आइडीटीआर में टेस्ट देने जाने के लिए पूरा दिन का समय लगेगा। अगर, आवेदकों में युवती, महिला और नवयुवक हो तो सुरक्षा कारणों से उन्हें एक सहयोगी या परिजन भी ले जाना पड़ सकता है। सबसे बड़ी दिक्कत चकराता हाइवे से चार किमी अंदर पहुंचना है। क्योंकि, वहां कोई परिवहन सुविधा नहीं है।
ऐसे पहुंचना होगा झाझरा
अगर आपके पास अपना वाहन है तो आप अपने परिचित वैध लाइसेंसधारक के जरिए उक्त वाहन से झाझरा पहुंच सकते हैं। अगर आपका निजी वाहन नहीं है तो आप पटेलनगर निरंजनपुर मंडी, बल्लीवाला या बल्लूपुर चौक से डाकपत्थर रूट की बस या झाझरा रूट की सिटी बस से बालाजी मंदिर झाझरा तक पहुंच सकते हैं। वहां से आपको सुनसान रास्ते पर पैदल चार किमी की दूरी नापनी पड़ेगी।
ये होंगी आवेदकों की परेशानी
-शहर से करीब 20 किमी की दूरी तय कर पहुंचना होगा झाझरा।
-अपना वाहन हुआ तो ठीक, वरना झेलनी होगी दोहरी मुसीबत।
-हाइवे से करीब चार किमी अंदर है आइडीटीआर।
-हाइवे से आइडीटीआर तक पहुंचने के लिए नहीं है कोई वाहन सुविधा।
-दोनों ओर जंगल व सुनसान क्षेत्र से होकर गुजरता है चार किमी का रास्ता।
-लाइसेंस टेस्ट से पहले अपना वाहन खुद चलाकर नहीं ले सकेंगे टेस्ट देने।
-डीएल बनाने के लिए पूरा दिन करना पड़ेगा खराब।
-बारिश या भीषण गर्मी में आवेदकों को होगी परेशानी।
-युवतियां और महिलाओं को अकेले जाने में सुरक्षा की रहेगी चिंता।
उउप परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि विभाग को आवेदकों की सुरक्षा और असुविधा का ख्याल है। कोशिश की जा रही है कि हाइवे से आइडीटीआर तक के लिए शटल सेवा शुरू की जाए। बातचीत चल रही है कि आइडीटीआर खुद वाहनों की व्यवस्था कर दे। अगर ऐसा नहीं होता तो इलेक्ट्रिक रिक्शा या ऑटो के संचालन की व्यवस्था की जाएगी।
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