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आसान होगी वन गूजरों को शिफ्ट करने की राह

प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों के कोर जोन से बाहर बफर जोन और आरक्षित वन क्षेत्रों में डेरा डाले वन गूजरों के विस्थापन की राह अब आसान हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 10:47 PM (IST)
आसान होगी वन गूजरों को शिफ्ट करने की राह
आसान होगी वन गूजरों को शिफ्ट करने की राह

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों के कोर जोन से बाहर बफर जोन और आरक्षित वन क्षेत्रों में डेरा डाले वन गूजरों के विस्थापन की राह अब आसान हो गई है। इस सिलसिले में विस्थापन नियमावली में कई सुझाव शामिल करने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसी के तहत प्रथम चरण में कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन में रह रहे 57 वन गूजर परिवारों को विस्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

वन गूजरों के विस्थापन के लिए केंद्रीय नियमावली तो है, लेकिन यह संरक्षित क्षेत्रों के कोर क्षेत्रों में ही लागू है। इसे देखते हुए पूर्व में कैबिनेट की सब कमेटी ने राज्य में संरक्षित क्षेत्रों के बफर जोन और आरक्षित वन क्षेत्रों से होने वाले गूजरों के विस्थापन को नियमावली में तमाम बिंदु शामिल करने को मंथन किया। अब कैबिनेट ने सब कमेटी के इन सुझावों को हरी झंडी दे दी है।

इसके तहत वन गूजरों के विस्थापन पर प्रति परिवार पांच लाख रुपये घर बनाने के लिए दिए जाएंगे, जबकि कृषि कार्याें के लिए एक एकड़ भूमि दी जाएगी। इस बात पर भी मुहर लगाई गई कि जिन इलाकों में वन गूजरों को विस्थापित किया जाएगा, वहां मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उन्हीं को भूमि देनी होगी।

वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार यह नियम राज्य में बफर जोन और आरक्षित वन क्षेत्रों वाले गूजरों पर लागू होंगे। कोर जोन के गूजरों के विस्थापन के लिए केंद्रीय नियम ही लागू होंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में कार्बेट से 57 परिवारों के विस्थापन का निर्णय लिया गया है। धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों से भी गूजरों को विस्थापित किया जाएगा।


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