बढ़ेगा औद्योगिक नीति में रियायतों का समय
प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई वृहद औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में बदलाव की तैयारी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई वृहद औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में बदलाव की तैयारी है। अब इस नीति के तहत प्रदेश में वाणिज्यिक उत्पादन व गतिविधियों के लिए दी जाने वाली रियायतों की समयसीमा बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत अब उद्यमियों के बढ़ते रुझान को देखते हुए नीति में सात वर्ष तक प्रोत्साहन व रियायतें देने की समय सीमा सात वर्ष की जा सकती है। इस संशोधित नीति को कैबिनेट में लाया जाएगा।
प्रदेश सरकार द्वारा बीते वर्ष प्रदेश को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू की गई थी। इसमें पूंजी निवेश के साथ-साथ प्रदेश में व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने, रोजगार के अवसर पैदा होने और प्रदेश की आर्थिक को गति मिलने की संभावना जताई गई।
इस नीति में यह प्रावधान किया गया था कि अधिसूचना जारी होने के बाद नीति पांच वर्ष तक प्रभावी रहेगी। इस नीति के तहत पांच करोड़ व दस करोड़ से अधिक के उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन योजना बनाई गई। इसमें तहत इन्हें सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में आसान किश्तों पर भूमि आवंटन का लाभ दिया गया। इसके अलावा उद्योग लगाने के लिए बैंक से लिए गए ऋण पर लागू ब्याज दर में पांच प्रतिशत की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया। इसके अलावा उद्यम की स्थापना, विस्तार के लिए क्रय, लीज पर जमीन लेने आदि पर स्टांप शुल्क में 50 फीसद की छूट दी गई थी। प्रदूषण नियंत्रण को ईटीपी लगाने के लिए तीस प्रतिशत तक की सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में हुए निवेश सम्मेलन के बाद इस समय बड़ी संख्या में निवेशक इस ओर रुचि दिखा रहे हैं। हालांकि, अभी इनके धरातल पर उतरने में समय है। यह नीति एक वर्ष पुरानी हो चुकी है तो नए उद्योगों को इस नीति के तहत केवल चार वर्ष के लिए ही इसका लाभ मिल पाएगा। ऐसे में अब नई निवेश की संभावना को देखते हुए इसका कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी है।
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