शंखधर मामले में निदेशालय की हीलाहवाली पर शासन ने कसे पेच
समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति के वितरण में करोड़ों के घपले में घिरे तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी (वर्तमान में जनजाति कल्याण निदेशालय में उप निदेशक) अनुराग शंखधर के अनुपस्थित रहने के मामले में हीलाहवाली पर शासन ने निदेशालय के पेच कसे हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति के वितरण में करोड़ों के घपले में घिरे तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी (वर्तमान में जनजाति कल्याण निदेशालय में उप निदेशक) अनुराग शंखधर के अनुपस्थित रहने के मामले में हीलाहवाली पर शासन ने निदेशालय के पेच कसे हैं। इस कड़ी में जनजाति कल्याण निदेशक को शंखधर के खिलाफ कार्रवाई को नियमावली के अनुरूप संस्तुति भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अपर सचिव समाज कल्याण राम विलास यादव के अनुसार निदेशक की संस्तुति मिलने के बाद कार्रवाई के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
छात्रवृत्ति घपले में घिरे जनजाति कल्याण निदेशालय के अनुपस्थित चल रहे उपनिदेशक शंखधर के खिलाफ कार्रवाई के मामले में निदेशालय के रवैये पर शासन ने सख्त नाराजगी जताई है। शंखधर 20 अपै्रल से अनुपस्थित चल रहे हैं। छात्रवृत्ति घपले में नाम आने के बाद जनजाति कल्याण निदेशालय ने शंखधर के अनुपस्थित रहने की सूचना शासन को भेजकर इतिश्री कर दी थी। निदेशालय ने सूचना तो जरूर भेजी, मगर किसी प्रकार की कार्रवाई की संस्तुति नहीं की।
निदेशक के इस रवैये पर शासन ने नाराजगी जताते हुए उनसे नियमावली के अनुरूप कार्रवाई की संस्तुति भेजने के निर्देश दिए हैं। अपर सचिव समाज कल्याण रामविलास यादव के अनुसार शंखधर के अनुपस्थित रहने की सूचना से संबंधित पत्र में कार्रवाई की संस्तुति का कोई जिक्र नहीं है। शंखधर पर इस मामले में नियमावली के अनुसार ही कार्रवाई होनी है। उन्होंने बताया कि निदेशक की संस्तुति रिपोर्ट मिलने के बाद शंखधर के खिलाफ निलंबन अथवा अन्य कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि छात्रवृत्ति घपले की जांच कर रही एसआइटी को शंखधर के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति शासन पहले ही दे चुका है।