अटल आयुष्मान से जुड़े फर्जीवाड़े में होगी एफआइआर दर्ज, जानिए
अटल आयुष्मान से जुड़े फर्जीवाड़े में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने काशीपुर स्थित आस्था हॉस्पिटल के संचालक सहित अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए हैं।
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से जुड़े फर्जीवाड़े में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने काशीपुर स्थित आस्था हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजीव कुमार गुप्ता सहित अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए हैं। अस्पताल का अनुबंध भी निरस्त कर दिया गया है।
आस्था हॉस्पिटल के मालिक डॉ. राजीव कुमार गुप्ता हैं। इस अस्पताल को अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 18 दिसंबर 2018 को सूचीबद्ध किया गया था। डॉ. राजीव कुमार ने उस वक्त बताया था कि वे इस अस्पताल के पूर्णकालिक डॉक्टर हैं। जबकि, बाद में यह पाया गया कि वे एलडी भट्ट राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय, काशीपुर में संविदा पर तैनात हैं। सूचीबद्ध होने की तिथि से छह अप्रैल 2019 तक उन्होंने खुद ही 17 मरीजों को अपने अस्पताल में रेफर किया।
इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा, ऊधमसिंहनगर में कोई भी चिकित्सक तैनात न होने के बावजूद मेडिकल ऑफिसर की फर्जी मुहर लगाकर 17 मरीजों को रेफर किया गया। इनमें सात मरीज आस्था हॉस्पिटल में रेफर हुए। जांच में यह भी पाया गया है कि आस्था हॉस्पिटल में एक-एक परिवार के कई-कई सदस्यों को एक साथ भर्ती होना दिखाया गया। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने डॉ. राजीव कुमार द्वारा स्वयं अपने हस्ताक्षर एवं राजकीय अस्पताल की मुहर के साथ अपने ही अस्पताल में मरीज रेफर करने को धोखाधड़ी माना है। इस बात के प्रमाण हैं कि उन्होंने क्लेम का अवैधानिक भुगतान लिया है।
योजना की प्रशासनिक अधिकारी द्वारा थानाध्यक्ष थाना काशीपुर को डॉ. राजीव कुमार गुप्ता व अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक षडयंत्र, लोक सेवक होते हुए क्षति करने के आशय से गलत दस्तावेज रचने, छल करने के उद्देश्य से दस्तावेजों की कूटरचना, विधि विरुद्ध व्यापार व अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने को पत्र भेजा है।
कर्मचारियों की मिलीभगत
इस मामले में सरकारी कर्मचारियों की भी मिलीभगत सामने आई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेडा में तैनात फार्मेसिस्ट अनुराग रावत ने जांच टीम के सामने यह कबूल किया कि उसने ही रेफरल स्लिप पर हस्ताक्षर कर चिकित्साधिकारी की मुहर लगाई थी।कुछ रेफरल स्लिप बिना मरीज का नाम,बीमारी व संदर्भित अस्पताल का नाम दर्ज किये अपने हस्ताक्षर व चिकित्साधिकारी की मुहर लगाकर अनुसेवक गजेंद्र भंडारी को भी उपलब्ध कराई थी।
सात दिन में लौटानी होगी क्लेम की राशि
आस्था हॉस्पिटल से क्लेम की रकम की भी रिकवरी की जाएगी। योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने बताया कि अस्पताल ने 1,68,200 रुपये का क्लेम प्राप्त किया है। इस आदेश के सात दिन के भीतर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण को यह रकम वापस करनी होगी। इसके अलावा 1,04,400 रुपये का क्लेम अभी लंबित है। इस रकम का भुगतान रोक दिया गया है।
अन्य अस्पतालों पर भी कार्रवाई जल्द
अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े में प्रदेश के पांच और अस्पताल भी कार्रवाई की जद में हैं। बता दें, इस मामले में कुल छह निजी अस्पतालों में रेफरल के नाम पर बड़ा खेल पकड़ा गया था। इसमें काशीपुर का आस्था हॉस्पिटल, अली नर्सिग होम, सहोता और कृष्णा हॉस्पिटल के साथ ही हरिद्वार का प्रिया हॉस्पिटल और लक्सर का जीवन च्योति हॉस्पिटल शामिल है।
विभागाध्यक्ष-ईएमओ की तय की जिम्मेदारी
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत मरीजों को बिना वजह निजी अस्पताल में रेफर किए जाने पर दून अस्पताल प्रशासन ने भी कड़ा रुख अपनाया है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने इसे लेकर विभागाध्यक्ष व समस्त ईएमओ को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि योजना के तहत किसी भी मरीज को गलत ढंग से रेफर करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अब एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
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