दून में डेंगू का कहर, अब 19 तक हजार से अधिक करा चुके हैं एलाइजा जांच Dehradun News
सरकारी अस्पतालों से उपलब्ध आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन माह में 19819 डेंगू संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल की एलाइजा जांच अलग-अलग लैब में हो चुकी है।
देहरादून, जेएनएन। डेंगू ने अब तक के सभी रिकार्ड पीछे छोड़ दिए हैं। बात अगर देहरादून की ही करें तो यहां पर अब भी डेंगू का कहर बना हुआ है। एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में इलाज करने पहुंचे मरीजों में से साढ़े चार हजार से अधिक मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। वहीं इसके कई अधिक मरीजों का उपचार प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम व क्लीनिक में भी हुआ है।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के पास प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करने पहुंचे मरीजों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद भी निजी अस्पतालों नें डेंगू के मरीजों का ब्योरा महकमे को उपलब्ध नहीं कराया है।
स्वास्थ्य विभाग देहरादून जनपद में जहां डेंगू से मरने वाले मरीजों की संख्या छह बता रहा है। वहीं यहां पर अब तक डेंगू से मरने वाले मरीजों की संख्या दस से अधिक हो चुकी है। प्राइवेट अस्पतालों में उपचार के दौरान डेंगू के जिन मरीजों की मौत हुई थी उनका डेथ आडिट भी स्वास्थ्य विभाग करा नहीं पाया।
सरकारी अस्पतालों से उपलब्ध आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन माह में 19819 डेंगू संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल की एलाइजा जांच अलग-अलग लैब में हो चुकी है। इनमें भी सबसे अधिक 13686 डेंगू संदिग्ध मरीजों की एलाइजा जांच दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय (दून अस्पताल) में, 383 मरीजों की जांच गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में, 1182 मरीजों की जांच कोरोनेशन अस्पताल में, 115 मरीजों की जांच ऋषिकेश स्थित एसपीएस चिकित्सालय में और 853 मरीजों की जांच सीएचसी रायपुर में हो चुकी है। इनमें से साढ़े चार हजार मरीजों की एलाइजा जांच पॉजीटिव आई है।
दून में 55 और मरीजों में डेंगू को हुई पुष्टि
अक्टूबर के बीस दिन गुजरने को है फिर भी डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। बात अगर मैदानी क्षेत्रों की करें तो इस बार देहरादून जनपद में डेंगू की बड़ी मार पड़ी है। ताजा मामले में यहां पर 55 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 29 मरीज उपचार के लिए गाधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, 19 मरीज दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय तथा सात मरीज सीएचसी रायपुर पहुंचे हुए थे। इसके बाद देहरादून में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 4519 हो गई है।
वहीं, प्रदेश में डेंगू के मरीजों का आकड़ा आठ हजार की संख्या को पार कर चुका है। इनमें भी देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार व उधमसिंहनगर सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं। वहीं अल्मोड़ा, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग व चंपावत जनपद में भी हर अंतराल बाद डेंगू के मामले सामने आते रहे हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि जिन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है उनमें अधिकाश को दवा देकर घर पर ही आराम करने की सलाह दी जा रही है। क्योंकि मच्छर का स्ट्रेन पहले की तुलना में कमजोर हुआ है। बहरहाल, डेंगू के मच्छर को निष्क्रिय करने के लिए अब इंतजाम नहीं बल्कि मौसम की मेहरबानी (वातावरण में बढ़ती ठंड) पर ही सबकी निगाह टिकी हुई है।
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मौजूदा समय में जिस तरह की स्थिति बनी हुई है उससे यह कहा जा सकता है कि वातावरण में तापमान का अधिकतम स्तर 25-26 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे लुढ़कने पर ही एडीज मच्छर पूरी तरह निष्क्रिय हो पाएगा।
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