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बगैर ब्लैक बोर्ड के खुले प्रांगण में लगाई क्लास तो नपेंगे प्रधानाचार्य

खुले प्रागण में क्लास लगाने वाले सरकारी स्कूलों पर अब शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा। इस संबंध मे विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।

By Edited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 10:32 AM (IST)
बगैर ब्लैक बोर्ड के खुले प्रांगण में लगाई क्लास तो नपेंगे प्रधानाचार्य
बगैर ब्लैक बोर्ड के खुले प्रांगण में लगाई क्लास तो नपेंगे प्रधानाचार्य

देहरादून, जेएनएन। खुले प्रांगण में क्लास लगाने वाले सरकारी स्कूलों पर अब शिक्षा विभाग ने सख्त रवैया अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देहरादून की मुख्य शिक्षाधिकारी आशारानी पैन्यूली ने सरकारी स्कूलों को बिना ब्लैक बोर्ड के क्लास न लगाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि स्कूल का कोई भी स्टाफ बिना सर्विस बुक को भरे सरकारी कामकाज पर नहीं जाएगा। 

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प्रभारी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई 

बता दें, सीईओ ने डोईवाला ब्लॉक के स्कूलों में औचक निरीक्षण किया था। जहा छिद्दरवाला स्थित इंटर कॉलेज में छात्रों की खुले प्रागण में क्लास ली जा रही थी। इसके साथ ही कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य आरबी सिंह बिना सर्विस बुक भरे सरकारी कामकाज से स्कूल से बाहर गए थे। 

इस पर सीईओ ने प्रभारी प्रधानाचार्य का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के निरीक्षण लगातार जारी रहेंगे। अगर किसी स्कूल में खुले में क्लास लगेगी तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जो भी शिक्षक सरकारी कामकाज से स्कूल से बाहर जाएं वो अपनी सर्विस बुक जरूर भरें। 

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की अब होगी जांच 

सरकारी स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता का परीक्षण अब पंजाब में होगा। राज्य के विभिन्न स्कूलों के मध्याह्न भोजन के सैंपल जाच के लिए मोहाली स्थित बायोटेक लैब भेजे जाएंगे। शुरुआत में प्रदेश के 10 स्कूलों में औचक निरीक्षण कर सैंपल लिए जाएंगे।

शासन ने अफसरों को भी निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में जाकर मध्याह्न भोजन टेस्ट करें। दरअसल, प्रदेश में मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा बैठक में इसे लेकर खड़े हुए थे। कई प्रकार की शिकायत आने के बाद शासन-प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है। 

बताया गया कि राज्य में औसतन 85 हजार बच्चे रोजाना एमडीएम नहीं खा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा एमडीएम की पड़ताल के लिए इसी माह स्कूलों में औचक निरीक्षण किया जाएगा। 

जिलावार अधिकारी स्कूलों की पड़ताल करेंगे। पहले सत्र के लिए इसमें रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के 5-5 स्कूलों में निरीक्षण किया जाएगा। अफसर भोजन पहले खुद टेस्ट करेंगे और अगर गुणवत्ता में शिकायत पाई जाती है तो इसका सैंपल भी लिया जाएगा। 

संयुक्त निदेशक मिड डे मील पदमेंद्र बिष्ट ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद औचक निरीक्षण का प्लान तैयार कर लिया गया है। जल्द ही टीमों का गठन किया जाएगा।

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