आजादी के 72 साल बाद भी इन गांव तक नहीं पहुंची सड़क
प्रदेश की सुदूरवर्ती क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने का दावा करने वाली सरकार की हकीकत से रूबरू होना हो तो खरक और मेलगढ़ गांव चले आइए। यह गांव आजादी के 72 साल बाद भी सड़क से वंचित है।
मसूरी, जेएनएन। प्रदेश की सुदूरवर्ती क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने का दावा करने वाली सरकार की हकीकत से रूबरू होना हो तो खरक और मेलगढ़ गांव चले आइए। यह गांव आजादी के 72 साल बाद भी सड़क से वंचित है। वर्ष 2003 में इस 15 किमी लंबे सुमन क्यारी-बणगांव-काण्डी सड़क मार्ग के निर्माण के लिए प्रयास भी हुए। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी हुई, लेकिन उसके बाद भी सड़क गांव तक नहीं पहुंच पाई है।
जौनपुर विकास खंड की सिलवाड़ पट्टी के खरक और मेलगढ़ गांव आज भी सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। वर्षों से ग्रामीण गांव को सड़क से जोड़ने की गुहार लगा रहे हैं। आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हालांकि, 2003-04 में खरसोन क्यारी और सुमन क्यारी के बीच से बणगांव, सुरांसू, खरक होते हुए काण्डी गांव तक सड़क निर्माण की शासन ने मंजूरी दी थी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया होने के बाद सड़क पर आने वाले खेतों के स्वामियों को मुआवजा भी दे दिया गया था। उसके बाद वर्ष 2007 तक दस किमी सड़क की कटिंग ग्राम सुरांसू तक पूरी कर ली गई थी।
उससे आगे खरक गांव तक के टेंडर भी स्वीकृत थे, लेकिन इसके बाद निर्माण कार्य रोक दिया गया। जिसके बाद 12 साल बाद भी सड़क एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाई।
ये होती हैं दिक्कतें
खरक गांव के शूरबीर सिंह तोमर, श्याम सिंह रावत, बिरेंद्र सिंह रावत, कुंवर सिंह रावत, दीवान सिंह रावत का कहना है कि गांव तक सड़क न होने पर बीमार व्यक्ति और प्रसव के समय गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचने में दिक्कतें उठानी पड़ती है।
कई बार तो मरीज की जान पर बन आती है। गांव से नैनबाग अस्पताल आठ किलोमीटर दूर है, जिसमें पांच किमी की खड़ी चढ़ाई है। गांव के उत्पाद भी बाजार तक नहीं पहुंच पाते। इससे किसानों को आर्थिक हानि होती है।
शासन ने स्वीकार नहीं किया प्रस्ताव
खरक गांव के सूरत सिंह खरकाई ने बताया कि विगत वर्ष कैम्पटी में जिलाधिकारी टिहरी सोनिका के चौपाल कार्यक्रम उनसे सड़क निर्माण की गुहार लगाई गई थी। उन्होंने लोनिवि थत्यूड को जल्द इस संबंध में कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस संबंध में अधिशासी अभियंता थत्यूड़ डीविजन लोनिवि रजनीश सैनी का कहना है कि सड़क बनाने के लिए पूर्व में भेजा गया एस्टीमेट शासन ने अस्वीकृत कर दिया है। अगर दोबारा से एस्टीमेट बनाकर भेजा जाएगा। स्वीकृत होने के बाद सड़क निर्माण शुरू किया जाएगा।
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