ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी
संवाद सूत्र, साहिया: अच्छी बरसात व उंची चोटियों पर जबरदस्त बर्फबारी ने भले ही किसानों के चेह
संवाद सूत्र, साहिया: अच्छी बरसात व उंची चोटियों पर जबरदस्त बर्फबारी ने भले ही किसानों के चेहरे खिला दिए हों, लेकिन मंगलवार देर रात हुई ओलावृष्टि से गेहूं व मटर की फसलें चौपट हो गई हैं। जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए। पिछले कई साल का घाटा पूरा करने को इस बार किसानों ने हिमाचल से अच्छा बीज खरीदकर बुआई की थी, लेकिन मटर के शुरुआती दौर में ही जमकर ओलावृष्टि से खेत सफेद नजर आए। गेहूं व मटर के पौधों की सारी पत्तियां झड़ गयी हैं। ओलावृष्टि से यही हाल पछवादून के खेतों में भी रहा। करीब 20 मिनट तक हुई ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। किसानों ने तहसील प्रशासन से नुकसान का जायजा लेकर मुआवजा की मांग की है।
साहिया क्षेत्र में इस बार किसानों ने अधिकांश खेतों में मटर की फसल उगाई थी। जबकि कुछ जगह गेहूं की फसलें भी थी। किसान परम ¨सह, हाकम ¨सह रावत, संतराम बिष्ट, सुरेन्द्र ¨सह चौहान, नारायण ¨सह, बुद्ध ¨सह आदि ने बताया कि मंगलवार देर रात अचानक जमकर ओलावृष्टि हुई। बुधवार सुबह दोबारा से फिर अचानक ओलावृष्टि हुई। दो बार ओलावृष्टि से मटर की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। किसानों ने कहा कि मटर की फसल बारिश से फायदा होना था, लेकिन ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत व उम्मीद पर पानी फेर दिया। मटर की फसल इन दिनों अंकुरित हो चुकी थी, जिसके अंकुर टूटकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं यही नहीं गेहूं व जौ की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से अलसी बोहरी, खतासा, कुरोली, समाल्टा, ददोली, माटला, नेवी ,पाटा, बमराड, थैत्यो, डामटा, पानुवा, मलेथा, दातनु ,बडनु, भुगतार सकनी कोठा-तारली, कनबुआ, ककाडी समेत दो दर्जन से अधिक गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ। उधर कालसी की उपजिलाधिकारी अपूर्वा ¨सह के अनुसार ओलावृष्टि से हुए नुकसान का राजस्व उपनिरीक्षकों को भेजकर आंकलन कराया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद किसानों को क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा दिया जाएगा।