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प्रधानाचार्य पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता को दून पुलिस ने बुलाया

जोशीमठ की किशोरी के उत्पीड़न के मामले में मुकदमे के लिए दून पुलिस ने पीड़िता को बुलाया है। वहीं, भाजपा नेता पर आरोप लगाने वाली वाली युवती कई सवालों का जवाब देने से कतरा रही है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 10:18 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 10:18 AM (IST)
प्रधानाचार्य पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता को दून पुलिस ने बुलाया
प्रधानाचार्य पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता को दून पुलिस ने बुलाया

देहरादून, जेएनएन। जोशीमठ (चमोली) की किशोरी के उत्पीड़न के मामले में मुकदमे के लिए दून पुलिस ने पीड़िता को बुलाया है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से मुकदमे के आदेश से संबंधित पत्र प्राप्त हो गया है। प्रकरण से जुड़े दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। पीड़िता  के यहां आते ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।

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बता दें कि जोशीमठ की रहने वाली किशोरी के पिता ने बाल आयोग से शिकायत की थी कि उनकी बेटी का केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रधानाचार्य अंशुम शर्मा ने डेढ़ साल तक बात-बात पर उत्पीड़न किया। उन्होंने बेटी के साथ मारपीट और कई गंभीर आरोप भी लगाए। 

इस मामले में पीड़ित किशोरी ने भी आठ पन्नों का शिकायती पत्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजा था। इस पत्र पर आयोग ने चमोली पुलिस को जांच के आदेश दिए थे। जोशीमठ पुलिस ने पीडि़त किशोरी के बयान दर्ज करते हुए रिपोर्ट तैयार की थी। 

इस रिपोर्ट में किशोरी के साथ उत्पीड़न की पुष्टि की गई थी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। किशोरी के परिजनों को कहा गया कि मामला देहरादून का है। ऐसे में मुकदमा भी वहीं होगा। इस पर बाल आयोग ने गत दिवस डीजी अशोक कुमार को पत्र लिखा था। डीजी ने आयोग के पत्र को गंभीरता से लेते हुए चमोली पुलिस से जीरो एफआइआर दर्ज न करने पर स्पष्टीकरण मांगा और देहरादून पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। 

देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती के अनुसार चमोली से जांच रिपोर्ट मंगा ली गई है। उसका परीक्षण किया जा रहा है। फिलहाल पीडि़ता को बुलाया गया है। उसके आते ही मुकदमा कायम कर लिया जाएगा।

कई सवालों के जवाब देने से कतरा रही पीडि़ता

भाजपा के पदच्युत प्रांत महामंत्री संगठन संजय कुमार पर यौन शोषण का आरोप लगाकर सियासी गलियारे में तूफान खड़ा करने वाली युवती विवेचक के कई सवालों का जवाब देने से कतरा रही है। उसमें से सबसे अहम यह कि उसने अब तक यह नहीं बताया कि उसका स्थायी पता क्या है। पुलिस के लिए यह जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि बाद में सुनवाई के वक्त जब उसे बुलाना होगा तो उससे किस पते पर संपर्क किया जाएगा। 

बता दें, भाजपा के पूर्व महामंत्री संगठन संजय कुमार पर फोन पर अश्लील बात करने और शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाने वाली युवती ने बीते शनिवार को जांच अधिकारी सरिता डोबाल के समक्ष बयान दर्ज कराए थे। उसकी सहमति मिलने के बाद कोतवाली पुलिस ने शनिवार की ही रात संजय कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। 

इस मामले की विवेचना कर रहीं महिला हेल्पलाइन प्रभारी ज्योति चौहान ने पीड़िता को मंगलवार को बयान के लिए बुलाया था। सूत्रों की मानें तो पीड़िता ने विवेचक को उत्पीड़न की शुरूआत से लेकर अब तक की व्यथा से अवगत तो कराया, लेकिन कई बातों का जवाब देने से वह कतराती रही। ऐसे में बयान पूरे न हो पाने के चलते उसे बुधवार को फिर बुलाया गया था। यहां उसके दोबारा से बयान लिए गए, लेकिन विवेचक के कई सवालों का जवाब देने से या तो वह बचती रही या उसका गोलमोल जवाब दिया।

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि पीड़िता को अपना मूल पता बताना जरूरी है। इसके बारे में अभी तक उसने जानकारी नहीं दी है। विवेचक के समक्ष बयान पूर्ण होने के बाद ही उसके मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए जाएंगे।

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