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परिवहन विभाग में है अधिकारियों का टोटा, कैसे सुधरेगी व्यवस्था

परिवहन विभाग में अधिकारियों की कमी बनी हुर्इ है। आलम ये है कि संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरटीओ व एआरटीओ के पदों को व्यवस्था के आधार पर चलाया जा रहा है।

By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 03:41 PM (IST)
परिवहन विभाग में है अधिकारियों का टोटा, कैसे सुधरेगी व्यवस्था
परिवहन विभाग में है अधिकारियों का टोटा, कैसे सुधरेगी व्यवस्था

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: परिवहन विभाग में इस समय अधिकारियों का टोटा चल रहा है। संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरटीओ व एआरटीओ के पदों को व्यवस्था के आधार पर चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील पौड़ी में फिलहाल कोई आरटीओ नहीं है। जिस आरटीओ का यहां तबादला किया गया है, उन्होंने अभी तक यहां ज्वाइनिंग नहीं दी है। वहीं नैनीताल के आरटीओ अल्मोड़ा की भी दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बात करें परिवहन मुख्यालय की तो यहां फिलहाल उप परिवहन आयुक्त के तीन पद हैं और तीनों रिक्त चल रहे हैं। विभाग में सबसे अधिक काम फील्ड यानी प्रवर्तन का है लेकिन स्थिति यह कि एआरटीओ प्रवर्तन के स्थान पर की बजाय एआरटीओ प्रशासन के पदों को ही भरने पर जोर है। 

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उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस समय केंद्र के साथ ही सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की नजरें प्रदेश सरकारों पर हैं। उत्तराखंड में हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को बाकायदा सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए एक गाईडलाइन भी जारी की हुई है। इन दिनों इस गाइडलाइन के अनुसार किसी तरह काम किया जा रहा है, जबकि इन्हें धरातल पर उतारने के लिए संभागीय स्तर से सख्त निगरानी की आवश्यकता है। दरअसल, देखा जाए तो परिवहन विभाग के प्रदेश में चार संभाग हैं। इनमें देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा शामिल हैं। 

तबादला सत्र के दौरान शासन ने देहरादून और पौड़ी के आरटीओ का आपस में तबादला कर दिया था। इसे नियमविरुद्ध बताते हुए एसके गर्ग ने पौड़ी में ज्वाइनिंग न देते हुए कोर्ट की शरण ली। वहीं, डीसी पठोई ने तुरंत आरटीओ देहरादून का चार्ज संभाल लिया। अब आरटीओ सुधांशु गर्ग हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी निराश हो चुके हैं लेकिन वह अब अवकाश पर चल रहे हैं। इससे पौड़ी आरटीओ का पद खाली चल रहा है। व्यवस्था के तौर पर एआरटीओ ही यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 

ऐसा ही हाल अल्मोड़ा का भी है। यहां लंबे समय से किसी आरटीओ की तैनाती नहीं हुई है। इसका एक कारण यह है कि विभाग में फिलहाल आरटीओ के पांच पदों के सापेक्ष चार आरटीओ हैं। आरटीओ का पांचवा पद परिवहन मुख्यालय में हैं। यहां सहायक आयुक्त एसके सिंह ही इस जिम्मेदारी को देख रहे हैं। अब बात करें उप परिवहन आयुक्त के पदों की, तो प्रदेश में इनके तीन पद हैं। दो अधिकारी इस पद के पात्र हो चुके हैं लेकिन शासन स्तर से इन पर कोई डीपीसी नहीं हो पाई है। ऐसे में चुनिंदा अधिकारियों पर व्यवस्था चलाने की सारी जिम्मेदारी आ गई है।

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