गोल्डन फॉरेस्ट के निवेशकों की रकम लौटाने के आदेश
जागरण संवाददाता, देहरादून: गोल्डन फॉरेस्ट के निवेशकों के लिए अच्छी खबर हैं। सुप्रीम कोर्ट
जागरण संवाददाता, देहरादून:
गोल्डन फॉरेस्ट के निवेशकों के लिए अच्छी खबर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका के निस्तारण करते हुए निवेशकों की 70 फीसद रकम लौटाने के आदेश दिए हैं। देश के 13 लाख और उत्तराखंड के दो लाख से ज्यादा निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलने की उम्मीद जगी है।कोर्ट ने तीन माह के भीतर यह रकम लौटाने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने गोल्डन फॉरेस्ट की जमीनों के नीलाम होने से जमा रकम से निवेशकों की मूल रकम लौटाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट में कंपनी के मुख्य प्रवक्ता निखिल स्याल ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि नीलामी से जमा हुई रकम सात सौ करोड़ हैं। जबकि निवेशकों की रकम भी सात सौ 68 करोड़ रुपये हैं। ऐसे में इस रकम से निवेशकों की रकम लौटाई जा सकती है। इस मामले में कोर्ट ने दलीलें सुनते के बाद आदेश दिए कि कंपनी के पास जमा रकम में से सौ करोड़ रुपये आयकर और कुछ रकम देखरेख कर रही कंपनी को खर्चे के रूप में दी जानी है। ऐसे में शत- प्रतिशत रकम निवेशकों की लौटाने के बजाए 70 फीसद रकम लौटाई जाए। यह कार्य रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की देखरेख में कारवे इंवेस्टर्स सर्विस लिमिटेड को दिया गया है। इसके लिए कंपनी को तीन माह का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद गोल्डन फॉरेस्ट पर रकम लगाने वाले लाखों निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कंपनी के मुख्य प्रवक्ता निखिल स्याल का कहना है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो तीन माह के भीतर निवेशकों को रकम लौट दी जाएंगी।
------------------
कंपनी के पास हैं सभी के बैंक खाते
गोल्डन फॉरेस्ट कंपनी के पास सभी निवेशकों के बैंक खाते मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में देखरेख कर रही कंपनी ने रकम रिलीज की तो निवेशकों को उनकी रकम के अनुरूप 70 फीसद भुगतान खाते में दिया जाएगा। हालांकि 30 फीसद और मुनाफा को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
----------------
उत्तराखंड को मिलेगा फायदा
पंजाब के बाद गोल्डन फॉरेस्ट की उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल आदि जिलों में कई हेक्टेअर जमीन मौजूद है। हालांकि कुछ जमीन को सरकार ने अपने कब्जे में लेते हुए दूसरे विभागों को आवंटित कर दी हैं। इस आदेश का लाभ उत्तराखंड के लोगों को भी मिलेगा।
-------------
मूल्यांकन को डीएम बनाएं कमेटी
गोल्डन फॉरेस्ट की जमीनों का मूल्यांकन भी होना है। इसके लिए कोर्ट ने तहसीलदार स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में कमेटी गठित करने के आदेश जिलाधिकारी को दिए हैं। इसकी रिपोर्ट दो माह के भीतर कोर्ट को दिए जाने के निर्देश दिए हैं। ताकि जमीनों की कीमत का वास्तविक आंकलन सामने आ सके।