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मुफलिसी में दिन बीता रहे थे हरदयाल

जागरण संवाददाता, देहरादून:1956 के मेलबर्न ओलंपिक में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाने वाले भ्

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 03:02 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 03:02 AM (IST)
मुफलिसी में दिन बीता रहे थे हरदयाल
मुफलिसी में दिन बीता रहे थे हरदयाल

जागरण संवाददाता, देहरादून:1956 के मेलबर्न ओलंपिक में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाने वाले भारतीय टीम के हीरो हरदयाल सिंह को मुफलिसी में अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा था। ओलंपियन हरदयाल की जब उत्तराखंड सरकार ने सुध नहीं ली तो 2015 में पंजाब सरकार ने हॉकी जगत के इस हीरे की मदद को हाथ आगे बढ़ाया था। देश को हॉकी में अविस्मरणीय जीत दिलाने वाले सिंह को पंजाब सरकार ने दो लाख रुपये की आर्थिक मदद दी थी, तब कहीं जाकर उनकी दवाओं के खर्च का बिल भुगतान हुआ।

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वर्ष 1956 के ओलंपिक में सीनियर खिलाड़ी बलबीर सिंह के घायल होने पर हरदयाल सिंह को उनकी जगह मैदान पर उतारा गया था। उस मैच में एक के बाद एक पाच गोल दागकर उन्होंने भारतीय टीम को शानदार जीत दिलाई थी। भारत ने अमेरिका को इस मैच में 16-0 से करारी शिकस्त दी थी। इस मैच के बाद से उत्तराखंड के सीधे-सादे हरदयाल सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने ओलंपिक खेलों में 19 गोल भारत के लिए दागे हैं। हरदयाल सिंह देहरादून में जीएमएस रोड स्थित पुष्पांजलि एनक्लेव में रहते थे। वर्ष 2015 में उन्होंने मदद के लिए उत्तराखंड और पंजाब सरकार से गुहार लगाई थी। जिस पर पंजाब सरकार ने उनकी सुध ली थी। पंजाब के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने ओलंपियन को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी।

वहीं हॉकी में देश को गर्व के पल देने वाले हरदयाल सिंह 1985 में एशिया कप खेलने गई भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच भी रहे थे। सिख रेजीमेंट का हिस्सा रहे हरदयाल सिंह को 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ध्यानचंद अवार्ड से नवाजा था। हरदयाल सिंह ने देश को ओर्डिनेंस और एयर फोर्स में भी सेवाएं दी।

श्रद्धांजलि देकर किया नमन

हॉकी के लिए जीवन समर्पित करने वाले हरदयाल सिंह को खेल व युवा कल्याण मंत्री अरविंद पांडे ने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के एकमात्र ओलंपियन हरदयाल सिंह के निधन से आहत हूं। खेल मंत्री ने कहा कि हॉकी जगत में हरदयाल सिंह और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। वहीं हॉकी कोच विनोद बडोला ने कहा कि हरदयाल सिंह न सिर्फ एक हॉकी खिलाड़ी व कोच थे। बल्कि नेकदिल इंसान भी थे। उप निदेशक खेल व पूर्व हॉकी खिलाड़ी सतीश शार्की ने हरदयाल सिंह के जाने को हॉकी के लिए बड़ी क्षति माना।


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