देहरादून की अमीषा ने एलब्रस चोटी पर लहराया तिरंगा
देहरादून निवासी अमीषा ने माउंट एलब्रस चोटी फतह करने के अनुभव साझा किए। बताया कि एलब्रस पर तिरंगा फहराने के बाद सात मई की सुबह 11 बजे वे वापस बासकन घाटी पहुंची।
देहरादून, [जेएनएन]: यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रस को फतह कर दून की अमीषा चौहान वापस लौट आई हैं। इससे पहले उन्होंने माउंट किलिमंजारो फतह किया था और अब अगले साल माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना अमीषा का लक्ष्य है।
शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में नकरौंदा निवासी अमीषा ने माउंट एलब्रस चोटी फतह करने के अनुभव साझा किए। बताया कि माउंट एलब्रस के लिए उन्होंने अपना अभियान छह मई को सुबह 11 बजे शुरू किया था। लेकिन, कम रोशनी, बर्फीली हवाएं, बर्फबारी की वजह से उन्हें बेस कैंप पर ही रुकना पड़ा।
एक दिन पूरा बेस कैंप पर रुकने के बाद छह मई की देर रात करीब ढाई बजे उन्होंने चढ़ाई शुरू की और छह मई की सुबह करीब 11:30 बजे माउंट एलब्रस पर तिरंगा फहराया। 5642 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एलब्रस पर तिरंगा फहराने के बाद सात मई की सुबह 11 बजे वे वापस बासकन घाटी पहुंची।
पिछले साल अमीषा ने माउंट किलिमंजारो 54 घंटे में फतह कर लिया था, लेकिन इस बार मौसम ने साथ नहीं दिया तो मुकाम हासिल करने में करीब 71 घंटे का समय लगा। पिता सूबेदार मेजर रविंद्र सिंह चौहान ने कहा कि अब 2019 मार्च में अमीषा का लक्ष्य माउंट एवरेस्ट फतह करने का है।
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