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गणतंत्र दिवस पर मिल चुकी है माफी, फिर भी उत्तराखंड में जेलों में सजा काट रहे 175 कैदी; जानिए वजह

Uttarakhand News उत्तराखंड के 17 कैदियों को गणतंत्र दिवस पर माफी मिल चुकी है लेकिन वे अब तक रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। इसकी एक मात्र वजह उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 18 Feb 2022 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 18 Feb 2022 09:56 AM (IST)
गणतंत्र दिवस पर मिल चुकी है माफी, फिर भी उत्तराखंड में जेलों में सजा काट रहे 175 कैदी; जानिए वजह
गणतंत्र दिवस पर मिल चुकी है माफी, फिर भी उत्तराखंड में जेलों में सजा काट रहे 175 कैदी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। गणतंत्र दिवस पर सजा माफ होने के बावजूद अभी भी 175 कैदी विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं। इसका कारण विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता है। ऐसे में अब शासन ने इन कैदियों के रिहाई के आदेश जारी करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी है।

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प्रदेश में हर साल स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैदियों की रिहाई की जाती है। हालांकि, वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर कैदियों की रिहाई नहीं हो पाई थी। शासन द्वारा बीते वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजभवन को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन राजभवन ने कैदियों की सजा केवल कुछ सीमा तक घटाने के प्रस्ताव को ही मंजूरी दी थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी कैदियों की रिहाई की पत्रावली स्वीकृत नहीं हो पाई थी। इसका एक कारण इस अवधि में राज्यपाल के पद पर परिवर्तन होना भी रहा। वर्ष 2022 में शासन ने कैदियों की रिहाई को लेकर गठित समिति की संस्तुति के बाद 208 कैदियों की सूची जनवरी के पहले सप्ताह राजभवन को भेजी।

राजभवन में इसका विस्तृत अध्ययन करने के बाद गत 24 जनवरी को 175 कैदियों को रिहा करने की अनुमति जारी कर दी गई। इनमें सात कैदी 40 वर्ष और 26 कैदी 30 वर्षों से अधिक समय से सजा काट रहे हैं। जिन कैदियों को रिहा करने की अनुमति दी गई, उनमें 27 कैदी संपूर्णानंद शिविर जेल, सितारगंज, केंद्रीय कारागार ऊधमसिंह से 52 कैदी, जिला कारागार हरिद्वार से 63 कैदी, जिला कारागार पौड़ी से एक, जिला कारागार चमोली से एक कैदी शामिल रहे। इसके अलावा जिला कारागार बरेली से दो, जिला कारागार वाराणसी से एक, केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ से एक और 23 अन्य कैदियों को रिहा किया जाना था। इससे पहले कि इनके रिहा होने का आदेश होता, प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।

प्रमुख सचिव गृह आरके सुधांशु ने बताया कि कैदियों की रिहाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी गई है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद रिहाई के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

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