पिथौरागढ़ में पिरूल से होगा बिजली उत्पादन
राज्य ब्यूरो, देहरादून राज्य में पिरुल से विद्युत उत्पादन की नीति को अंतिम रूप देने की कवायद शुरू
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राज्य में पिरुल से विद्युत उत्पादन की नीति को अंतिम रूप देने की कवायद शुरू की गई है। इसके तहत सरकार ने पिरुल को बायोमास ईधन के रूप में इस्तेमाल कर विद्युत उत्पादन करने वाले संयंत्रों को स्थापित करने की अनुमति दी है। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कंपनी मैसर्स अवनी बायो इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने 30 किलोवाट उत्पादन क्षमता के संयंत्र पिथौरागढ़ जिले में स्थापित करने के लिए ऊर्जा निगम के साथ करार किया है।
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली जल्द मुहैया कराने के निर्देशों के मद्देनजर पिरुल से विद्युत उत्पादन नीति तैयार करने की कार्यवाही शुरू की गई है। पिरुल से विद्युत उत्पादन करने वाली कंपनी के संयंत्रों से फरवरी, 2018 तक विद्युत उत्पादन किया जाएगा। उक्त कंपनी की ओर से भविष्य में 15 से 25 किलोवाट क्षमता के लगभग 50 अन्य ऊर्जा संयंत्र आने वाले तीन वर्षो में प्रदेश में स्थापित करने की योजना है, ताकि विद्युत उत्पादन बढ़ाकर 2.50 मेगावाट किया जा सके।
उन्होंने बताया कि उक्त प्लांट से ऊर्जा उत्पादन के लिए पिरुल को चीड़ वृक्ष बहुल पर्वतीय क्षेत्रों से एकत्र कर बतौर ईधन प्रयुक्त किया जाएगा। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी होगा। साथ ही प्रत्येक वर्ष जंगलों में पिरुल की वजह से लगने वाली आग से भी बचा जा सकेगा। इससे जैव विविधता को भी आग से बचाने में मदद मिलेगी।