आपदा के मुआवजे में बच्चों की शिक्षा का हो प्रावधान
जागरण संवाददाता, देहरादून: विश्व पहाड़ दिवस धाद की ओर से आपदा प्रभावित बच्चों की शिक्षा के सवाल को ले
जागरण संवाददाता, देहरादून: विश्व पहाड़ दिवस धाद की ओर से आपदा प्रभावित बच्चों की शिक्षा के सवाल को लेकर नगर निगम प्रेक्षागृह में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। साथ ही केदारनाथ आपदा प्रभावित 20 महिलाओं को उनके बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता राशि के चेक भी दिए गए।
मुख्य अतिथि निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि आपदा जैसे वक्त में समाज के लोगों को ही मदद के लिए आगे आकर मानवीयता का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वह प्रदेश के युवाओं को आपदा के दंश से बाहर निकालने में हमेशा आगे खड़े मिलेंगे।
एनएएस कॉलेज मेरठ के प्रोफेसर आरपी जुयाल ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां विषम हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण यह विषमता बढ़ जाती है। इसका सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ता है। यह सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि आपदा के मुआवजे में एकमुश्त या अलग हिस्सा बच्चों की शिक्षा को लेकर भी तय किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सहायता उन्हें तब तक मिले, जब तक वह सक्षम न हो जाएं। राज्य सभा टीवी के रिसर्च हेड एवं पुनरुत्थान कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगी प्रेम बहुखंडी ने कहा कि आपदा के बाद मानव तस्करी की आशंका बनी होती है। ऐसे वक्त में शिक्षा की अलख जलाकर आपदा प्रभावितों को बचाया जा सकता है।
शैक्षणिक सहयोग कार्यक्रम के मुख्य संयोजक भारत नौटियाल ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने आपदा प्रभावित बच्चों की शिक्षा के लिए एक करोड़ के फंड का प्रावधान करने की बात कही थी। उन्होंने वर्तमान सरकार से इस राशि को शीघ्र जारी करने की मांग की। धाद के संस्थापक लोकेश नवानी ने कहा कि आपदा के बाद केदारनाथ घाटी के करीब 175 बच्चों को लोगों की मदद से हर महीने 800 रुपये की शैक्षणिक सहायता दी जा रही है। तीन सालों में धाद की ओर से चलाए गए इस कार्यक्रम को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाया भी गया। इस मौके पर धाद के सचिव तन्यम ममगाई, डॉ. जयंत नवानी, डीसी नौटियाल, विजय जुयाल, नीलम प्रभा, जयदीप सकलानी, अनूप नौटियाल, धर्म सिंह, गुणानंद जखमोला आदि मौजूद रहे।