कुपोषित बच्चों की निगरानी करेंगे डीएम
जागरण संवाददाता, देहरादून: भले ही केंद्रीय नीति आयोग ने प्रदेश में मात्र हरिद्वार जिले को ही कुपोषित
जागरण संवाददाता, देहरादून: भले ही केंद्रीय नीति आयोग ने प्रदेश में मात्र हरिद्वार जिले को ही कुपोषित जिला घोषित किया हो, लेकिन देखा जाए तो अन्य जिलों में भी स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है। देहरादून जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी 1143 कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चे मिले हैं। इन चिह्नित आंगनबाड़ी केंद्रों में अब जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारी कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देंगे। ताकि जिले को कुपोषण मुक्त किया जा सके।
बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से जिले के उन 115 आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित किया गया था, जिनमें पांच से अधिक कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चे हैं। इन चिह्नित केंद्रों में 1076 कुपोषित व 67 अतिकुपोषित बच्चे मिले हैं। यह वास्तव में गंभीर स्थिति है। बताया कि जिलाधिकारी की ओर से जिला एवं खंड स्तर के अधिकारियों को चिह्नित एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिलाधिकारी स्वयं भी एक आंगनबाड़ी केंद्र की निगरानी करेंगे। मुख्य विकास अधिकारी, एसडीएम, एडीएम, जिला शिक्षाधिकारी, खंड शिक्षाधिकारी समेत अन्य अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। इसके अलावा विभागीय कर्मचारियों को भी एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र दिया गया है।
चिह्नीकरण का आधार
इनमें पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को शामिल किया गया है। जिन बच्चों का उम्र के अनुसार निर्धारित भार व लंबाई नहीं पाई गई, उन्हें कुपोषित एवं अतिकुपोषित श्रेणी में रखा गया है।