Move to Jagran APP

देवभूमि में खतरे की जद में 16 वनस्पतियां

केदार दत्त, देहरादून: जैव विविधता के लिए मशहूर 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में अनियंि

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 03:00 AM (IST)
देवभूमि में खतरे की जद में 16 वनस्पतियां
देवभूमि में खतरे की जद में 16 वनस्पतियां

केदार दत्त, देहरादून:

loksabha election banner

जैव विविधता के लिए मशहूर 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में अनियंत्रित विदोहन के चलते 16 दुर्लभ वानस्पतिक प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इन्हें जैव विविधता अधिनियम-2002 की धारा 38 के तहत संकटग्रस्त श्रेणी में अधिसूचित किया गया है। इससे चिंतित सरकार ने अब इनके संरक्षण-संव‌र्द्धन को वन प्रभागों की प्रबंध योजनाओं के जैव विविधता संरक्षण कार्यवृत्त में शामिल करने का निश्चय किया है।

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में आवृत्तजीवी (पुष्पीय) वनस्पतियों की 4700 प्रजातियां हैं। इसके अलावा राज्य के वन प्रभागों की वन प्रबंध योजनाओं में 920 प्रजातियां शामिल की गई हैं। इनमें अनेक वनस्पतियां औषधीय महत्व की भी हैं। ऐसे में इनका अनियंत्रित विदोहन भी हो रहा है, जो इनके संकट की वजह बना है। हालांकि, इसके पीछे भी वजह वन समेत अन्य विभागों का ढुलमुल रवैया जिम्मेदार है। परिणामस्वरूप 16 वानस्पतिक प्रजातियां संकट में आ गई हैं। हालांकि, अब इनके संरक्षण-संव‌र्द्धन के लिए कवायद प्रांरभ कर दी गई है।

------

ये हैं संकटग्रस्त वानस्पतिक प्रजातियां

मीठा विष, अतीस, दूध अतीस, इरमोसटेचिस (वन मूली), कड़वी, इंडोपैप्टाडीनिया (हाथीपांव), पटवा, जटामासी, पिंगुइक्यूला (बटरवर्ट), थाकल, टर्पेनिया, श्रेबेरा (वन पलास), साइथिया, फैयस, पेक्टीलिस व डिप्लोमेरिस (स्नो आर्किड)।

-------

वन प्रबंध में शामिल प्रजातियां

प्रजातियां, संख्या

झूला, 321

फर्न, 296

मॉस व काई, 226

कुंभीकवक, 49

नग्नबीजी, 28

-----------

'प्रदेश में वन प्रभागों की प्रबंध योजनाओं में जैव विविधता संरक्षण कार्यवृत्त में दुर्लभ व संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण-संव‌र्द्धन के लिए कार्य तय किए गए हैं। साथ ही वन प्रभागों को निर्देशित किया गया है कि इसके लिए गंभीरता से कदम उठाने के साथ ही इनकी सुरक्षा पर भी खास फोकस किया जाए।'

- डॉ.हरक सिंह रावत, मंत्री वन एवं पर्यावरण, उत्तराखंड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.