Move to Jagran APP

खुद की आर्थिक सेहत के सुधार को उत्तराखंड ने मांगे 35 हजार करोड़

शुद्ध हवा-पानी देकर देश को सेहतमंद रखने में योगदान दे रहे उत्तराखंड की खुद की आर्थिक सेहत खतरे में है। इससे उबरने को उत्तराखंड ने 15 वें वित्त आयोग से 35 हजार करोड़ रुपये मांगे।

By Edited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 11:49 AM (IST)
खुद की आर्थिक सेहत के सुधार को उत्तराखंड ने मांगे 35 हजार करोड़
खुद की आर्थिक सेहत के सुधार को उत्तराखंड ने मांगे 35 हजार करोड़

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। शुद्ध हवा-पानी देकर देश को सेहतमंद रखने में बड़ा योगदान दे रहे उत्तराखंड की खुद की आर्थिक सेहत खतरे में है। इसके सुधार के लिए उत्तराखंड ने 15 वें वित्त आयोग से 35 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। 

loksabha election banner

बड़े और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्वतीय भू-भाग में पलायन को रोकना चुनौतीपूर्ण बन गया है। मैदानी जिलों के चमकदार आर्थिक आंकड़ों के तले दबी सामाजिक-आर्थिक असमानता ने दुर्गम और दूरदराज सीमांत क्षेत्रों में आजीविका और रोजगार का संकट खड़ा कर दिया है। पर्यावरणीय बंदिशें ऊर्जा प्रदेश के ख्वाब को पलीता लगा चुकी हैं। सवा करोड़ आबादी की ओर बढ़ रहे उत्तराखंड के मुंहबाए खड़ी समस्याओं के समाधान को 15वें वित्त आयोग को तीसरा मेमोरंडम भेजा गया है। इसमें उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के तौर पर विकसित करने समेत शहरी और ग्रामीण अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 35 हजार करोड़ की मदद की गुहार लगाई गई है। 

अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बावजूद दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क नेटवर्क की हालत लचर ही है। राजस्व घाटे से जूझ रहे राज्य के लिए अपने वित्तीय संसाधनों के बूते अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार परेशानी का सबब बना है। 

हिमालय, वन, जंगल, जैव विविधता के रूप में उत्तराखंड के पास मौजूद इको सिस्टम सर्विसेज उसके खुद के विकास के आड़े आ गया है। नतीजतन प्रदेश अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नहीं कर पा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने 15वें वित्त आयोग के पास मेमोरंडम-तीन भेजा है। साथ ही पर्यटन के लिए 24 हजार करोड़ और सौंग व जमरानी बांध के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 4000 करोड़ के अलग-अलग मेमोरंडम भी भेजे गए हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए आयोग से राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए पुरजोर पैरवी की है।

मेमोरंडम के अहम प्रस्ताव 

स्वास्थ्य: टेलीमेडिसिन व अन्य सुविधाओं को 300 करोड़ शहरी विकास। बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण को 1200 करोड़। 

ऊर्जाः बिजली वितरण व्यवस्था सुधार को 1200 करोड़। 

पर्यटनः टिहरी झील के विकास को 4000 करोड़। 

सिंचाई-पेयजलः सौंग व जमरानी बांध प्रोजेक्ट को 4000 करोड़। 

वनः आग से रोकथाम के प्रबंधन को 300 करोड़ उद्यान: उद्यानों के आधुनिकीकरण को 400 करोड़। 

पशुपालन: 150 करोड़। 

पर्यटन की अपेक्षाएं 

24 हजार करोड़ से होगा कायाकल्प उत्तराखंड में पर्यटन की संभावनाओं को कामयाब बनाने के लिए बुनियादी सुविधाएं चाहिए। राज्य की प्रमुख अपेक्षाएं ये हैं-

-यात्रा मार्गो के किनारे बुनियादी सुविधाएं

-रोपवे व पार्किंग।

-स्वामी विवेकानंद सर्किट। 

-टिहरी झील-ऋशिकेश: वेलनेस सिटी। 

-स्कीईग स्थलों का विकास। 

-अल्मोड़ा हेरिटेज।

यह भी पढ़ें: वित्तीय वर्ष के पहले महीने उत्तराखंड सरकार ने लिया 500 करोड़ कर्ज

यह भी पढ़ें: वन विभाग में बगैर टेंडर के किया 1.59 करोड़ का भुगतान, अब शुरू हुई जांच

यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाले का असली राजदार अब भी जांच से दूर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.