Move to Jagran APP

कठोर प्रशिक्षण पूरा कर आइटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए 15 सहायक सेनानी

15 अधिकारी बतौर सहायक सेनानी सालभर का कठोर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्यधारा में शामिल हो गए।

By Edited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 09:50 AM (IST)
कठोर प्रशिक्षण पूरा कर आइटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए 15 सहायक सेनानी
कठोर प्रशिक्षण पूरा कर आइटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए 15 सहायक सेनानी

मसूरी, जेएनएन। सालभर का कठोर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 15 अधिकारी बतौर सहायक सेनानी शुक्रवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्यधारा में शामिल हो गए। पास आउट हुए अधिकारियों की परेड का आइटीबीपी बल के महानिदेशक सुरजीत सिंह देशवाल ने निरीक्षण किया और मार्चपास्ट की सलामी ली। बल के अधिकारियों ने नए सहायक सेनानियों के कंधों पर पीपिंग सेरिमनी के दौरान सितारे सजाए। आइटीबीपी बल के ब्रास एवं पाइप बैंड ने मनोहारी धुान से आंगुतों में जोश भरा और बल की केंद्रीय कराटे टीम ने मार्शल आर्ट के हैरतअंगेज करतब दिखाए।

loksabha election banner

आइटीबीपी अकादमी परेड मैदान में आयोजित पासिंग आउट परेड एवं दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए बल के महानिदेशक सुरजीत सिंह देशवाल ने कहा कि देश के अर्द्धसैनिक बलों में आइटीबीपी अग्रणी है। उन्होंने पास आउट हुए अधिकारियों को बल की मुख्यधारा में शामिल होने पर बधाई देते हुए कहा कि आइटीबीपी के जवान मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी मुस्तैदी से काम करने वाले अनुशासित बल का अभिन्न अंग हैं।

इस मौके पर आइटीबीपी अकादमी निदेशक आइजी पीएस पापटा ने कहा कि प्रशिक्षण काल में बहाया गया पसीना युद्ध काल में खून बहने से बचाएगा। उन्होंने पासआउट अधिकारियों से कहा कि आज से आप पर राष्ट्र का पहला अधिकार है, दूसरा अधीनस्थ अधिकारियों का और बाद में आपके परिवार व आपका है। इस मौके पर अकादमी उपनिदेशक ब्रिगेडियर रामनिवास, सेनानी परमिंदिर सिंह, सीमाद्वार देहरादून परिसर के डीआइजी संजय सिंह, नवल किशन, सेवानिवृत डीआइजी एसपी चमोली, कल्याण सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

करण को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर

प्रशिक्षण काल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सहायक सेनानी करण को व्यवहार कुशल एवं सर्वोत्तम प्रशिक्षणार्थी के लिए स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से पुरस्कृत किया गया। सहायक सेनानी उदय प्रताप गौतम को बाह्य प्रशिक्षण क्रिया कलापों के लिए, सहायक सेनानी विवेक धार्निया को आंतरिक प्रशिक्षण क्रिया कलापों व निशानेबाजी में और सहायक सेनानी अभिषेक राठौर को सहनशीलता के लिए पुरस्कृत किया गया।

राज्यवार पासआउट अधिकारी 

पास आउट होने हुए अधिकारियों में हरियाणा से तीन, उत्तर प्रदेश से दो, मध्य प्रदेश से दो, दिल्ली से दो, केरल से दो, महाराष्ट से एक, राजस्थान से एक, उत्तराखंड से एक और झारखंड से एक हैं।

खुशी का नहीं रहा ठिकाना

देहरादून निवासी उदय प्रताप सिंह गौतम ने बताया एक साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद आज अधिकारी बनकर आइटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल होने पर वे बेहद खुश हैं। बचपन में सेना के प्रति रुझान नहीं था, लेकिन देहरादून आकर फौजी जीवन भा गया और आइटीबीपी ज्वाइन कर ली। पिताजी ऑर्डनेंस फैक्ट्री देहरादून में कार्यरत हैं, मां गृहणी है और भाई हैदराबाद में हायर स्टडीज कर रहा है। उदय मूल रूप से आगरा के रहने वाले हैं।

देश सेवा हर नागरिक का कर्तव्य

रुड़की निवासी सहायक सेनानी करण ने कहा कि कड़े प्रशिक्षण के बाद यह रैंक मिला है। कुछ समय बाद वह एक कंपनी का नेतृत्व करेंगे और तब असली परीक्षा शुरू होगी। क्योंकि हर एक सिपाही का खयाल रखना उनकी जिम्मेदारी होगी। बताया कि रुड़की में छात्र जीवन से ही सेना में शामिल होने का मन था, जबकि पिता डॉक्टर हैं, मां व बहन भी डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को देश सेवा के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए, जरूरी नहीं कि आप फौज में रहकर ही देश सेवा कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: गोल्ड मेडलिस्ट अर्जुन ने पिता का सपना किया पूरा, नवाजा गया स्वार्ड ऑफ ऑनर से

यह भी पढ़ें: देश को मिले 347 युवा सैन्य अफसर, मित्र देशों के 80 कैडेट भी हुए पास आउट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.