Road Safety Week: कुछ हादसों के लिए हम खुद जिम्मेदार होते, 137 मौतों की वजह सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन
कुछ सड़क हादसे भले ही दूसरों की गलती से होते हैं लेकिन कुछ हादसों के लिए हम खुद भी जिम्मेदार होते हैं। देहरादून में इस वर्ष अक्टूबर तक चौपहिया और दुपहिया वाहनों के 317 हादसे सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर हुए जिसमें 137 घरों के चिराग बुझ गए।
देहरादून, जेएनएन। Road Safety Week कुछ सड़क हादसे भले ही दूसरों की गलती से होते हैं, लेकिन कुछ हादसों के लिए हम खुद भी जिम्मेदार होते हैं। क्या हम खुद सड़क पर यातायात नियमों का पालन करते हैं। अगर करते हैं तो हादसों का ग्राफ कुछ और ही बयां क्यों कर रहा? बात राजधानी देहरादून की करें तो इस वर्ष अक्टूबर तक चौपहिया और दुपहिया वाहनों के 317 हादसे सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर हुए, जिसमें 137 घरों के चिराग बुझ गए।
इस वर्ष अक्टूबर तक दून में सबसे अधिक 53 मौतें ओवरस्पीड या रैश ड्राइविंग के कारण हुई हैं। इसके अलावा गलत तरीके से ओवरटेक करने से 30 व्यक्तियों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि, चालान की स्थिति के मामले में दून में थोड़ा सुधार आया है। यातायात पुलिस ने 2019 के दौरान विभिन्न अपराधों में 322320 चालान किए थे, वहीं इस साल 10 महीनों में 80331 चालान ही हुए हैं।
यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण हादसे
- हादसे---------------------------------मौत
- ओवरस्पीडिंग या रैश ड्राइविंग-------53
- गलत तरीके से ओवरटेक करने-----30
- गलत दिशा में वाहन चलाना--------16
- नशे में वाहन चलाने से--------------05
- सड़क किनारे वाहन खड़ा होने--------03
- सड़क में फैले निर्माण सामग्री--------03
- रेड लाइट जंप के कारण---------------01
- सड़क पर गड्ढों के कारण---------------01
- ओवरलोडिंग के कारण--------01
नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई का ब्योरा
- अपराध---------------------चालान
- बिना हेलमेट--------------8495
- बाइक पर तीन सवारी----327
- खराब नंबर प्लेट---------2423
- बिना सीटबेल्ट--------------386
- नाबालिग द्वारा वाहन चलाने--294
- गलत साइड से वाहन चलाने--1542
- लालबत्ती जंप---------------------288
- खतरनाक ड्राइविंग-------1395
- बाइक से स्टंट--------------08
- ओवरस्पीड--------------2489
- शराब पीकर वाहन चलाने----384
- अन्य-------59697
अमूमन ये गलतियां करते हैं हम
- स्टॉप लाइन से आगे रुकना, ट्रैफिक लाइट जंप करना
- लेफ्ट टर्न फ्री न छोड़ना, आड़े-तिरछे वाहन खड़े कर जाम का सबब बनना
- डिवाइडर पर मेन कट के बजाय बीच में टूटा हुआ कट तलाशकर निकलना
- भीड़ में दुपहिया चालक द्वारा दूसरों की परवाह किए बगैर जिग-जैग वाहन निकाल ले जाना
- दुपहिया पर बिना हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग करना
- वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करना
- मोबाइल पकड़ने से बचने के लिए अब ब्लूटूथ व इयर फोन भी कर रहे प्रयोग
- सड़क की गति सीमा निर्धारित होने के बावजूद बेकाबू गति से चलना
- कार में सीट बेल्ट न लगाना, म्यूजिक सिस्टम तेज बजाकर चलना
- हेलमेट अगर पहन भी लिया तो उसकी फीती न बांधना
- चौराहों या मोड पर कई बार बिना देखे बिना हॉर्न बजाय तेजी से निकलना
केवल खुराना (यातायात निदेशक, उत्तराखंड) ने कहा कि यातायात नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ लगातार ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई कर रही है। अब तक पुलिस नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस भी रद कर चुकी है। वहीं शराब पीकर वाहन चलाने वालों को जेल भेजा जा रहा है। हेलमेट पहनने व सीट बेल्ट लगाने व ग्रीन लाइट होने में कुछ ही सेकेंड लगते हैं, इसलिए जल्दबाजी न करें यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं। जिससे खुद भी सुरक्षित रहे और अन्य को भी सुरक्षित रखें।