वोटर लिस्ट से आशारोड़ी के 13 सौ नाम गायब, होगी जांच
देहरादून जिले के आशारोड़ी के एक हजार तीन सौ लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब है। इस मामले में सहायक निर्वाचन अधिकारी ने जांच कराने की बात कही है।
देहरादून, [जेएनएन]: नगर निगम देहरादून की मतदाता सूची में लोगों के नाम गायब होने के मामले सामने आ रहे हैं। आशारोड़ी ग्राम पंचायत (वर्तमान मोहब्बेवाला वार्ड ) से 13 सौ लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब होने के मामले को लेकर शनिवार को ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान ईश्वर सिंह नेगी के नेतृत्व में पंचस्थानी कार्यालय में हंगामा हुआ। प्रदर्शनकारी बीएलओ को साथ लेकर आए थे। इस मामले में सहायक निर्वाचन अधिकारी ने जांच कराने की बात कही है।
नगर निगम में शामिल हुए नए गांव सहित अन्य वार्डों की मतदाता सूची में लोगों के नाम छूटने और गलत नाम प्रकाशित होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसी को लेकर आशारोड़ी ग्राम पंचायत के लोगों बीएलओ को लेकर पंचस्थानी कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने मतदाता सूची की त्रुटियों को लेकर हंगामा किया। निवर्तमान प्रधान ईश्वर सिंह नेगी ने कहा कि उनकी ग्राम पंचायत से 17 सौ मतदाताओं में सिर्फ चार सौ नाम दर्ज किए गए हैं।
13 सौ नाम मतदाता सूची से गायब हैं। जबकि बीएलओ ने उन्हें मतदाताओं की पर्ची देकर नाम सूची में होने की पुष्टि की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उनके नाम सूची से हटाए गए हैं। इस मामले में बीएलओ का कहना है कि उन्होंने मतदाता सूची नगर निगम को सौंप दी थी। नाम कैसे छूटे, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इसके अलावा रायपुर, भगतसिंह कॉलोनी, मोथरोवाला, बंजारावाला आदि क्षेत्रों से लोग मतदाताओं सूची में नाम न होने की शिकायत लेकर पहुंचे। सहायक निर्वाचन अधिकारी वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि नाम कहां से हटाए गए, इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अब मतदाता सूची में नाम शामिल करना संभव नहीं है।
महापौर के उम्मीदवार का भी सूची में नाम नहीं था
नगर निगम चुनाव में महापौर की दावेदारी कर रहे उक्रांद के प्रत्याशी सुशील ममगाईं को उस समय झटका लगा, जब सूची में उनका और उनके परिवार का नाम नहीं था। वह पार्टी नेताओं के साथ पंचस्थानी कार्यालय पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। साथ ही मतदाता सूची में नाम दर्ज करने का अनुरोध किया। मगर नियम का हवाला देते हुए सहायक निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अब यह संभव नहीं है।
पांच माह तक नहीं देखी सूची
निकाय चुनाव की तैयारी छह माह पहले से शुरू हो गई थी। इसके लिए निर्वाचन विभाग ने नाम दर्ज कराने से लेकर मतदाता सूची प्रकाशन तक की जानकारी लोगों को दी। जून में सूची का अंतिम प्रकाशन करने के बाद नगर निगम में प्रत्येक वार्ड में मतदाता सूची अवलोकन के लिए रखी गई थी। मगर, लोगों ने वहां भी सूची नहीं देखी। चुनाव आचार संहिता लगने के बाद लोग अब सूची में अपना नाम देख रहे हैं।
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