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उत्तराखंड में 13 हजार शिक्षकों को जल्द राहत की उम्मीद

13 हजार से अधिक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई की मान्यता नहीं मिलने का केंद्र ने भरोसा दिलाया है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 08:52 AM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 08:59 PM (IST)
उत्तराखंड में 13 हजार शिक्षकों को जल्द राहत की उम्मीद
उत्तराखंड में 13 हजार शिक्षकों को जल्द राहत की उम्मीद

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: 13 हजार से अधिक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ मुलाकात में राज्य में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई की मान्यता नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। 

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प्रकाश जावड़ेकर ने एनसीटीई के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें उत्तराखंड को भी उत्तरप्रदेश की तर्ज पर ही विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को मान्यता देने और शिक्षकों को ब्रिज कोर्स से छूट देने के संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए। 

प्रदेशभर में कार्यरत विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई की मान्यता नहीं मिलने के आधार पर प्रदेश के 13175 से ज्यादा प्राथमिक शिक्षकों को दस वर्षों से ज्यादा शिक्षण अनुभव के बावजूद अप्रशिक्षित करार दिया जा चुका है। इस वजह से इन शिक्षकों के लिए ब्रिज कोर्स अनिवार्य किया गया है। 

पहले विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण और फिर प्राथमिक विद्यालयों में लंबे शिक्षण अनुभव के बावजूद ब्रिज कोर्स की बाध्यता से खफा प्राथमिक शिक्षक आंदोलन कर चुके हैं। दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत इन प्राथमिक शिक्षकों के रोष से चिंतित सरकार अब एमएचआरडी में प्रभावी पैरवी में जुटी हुई है। 

इस कड़ी में बुधवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के सामने इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश की तर्ज पर ही उत्तराखंड में भी विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई की मान्यता दिलाई जाए, ताकि शिक्षकों को ब्रिज कोर्स की बाध्यता से निजात मिल सके। 

इस पर केंद्रीय मंत्री ने एनसीटीई को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसएसए, रमसा, मिड डे मील व सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम ऑफ टीचर एजुकेशन के लिए वर्ष 2016-17 में स्वीकृत धनराशि क्रमश: 410.65 करोड़ व 2017-18 के लिए स्वीकृत धनराशि 651.72 करोड़ में से शेष राशि 102.54 करोड़ देने की मांग पर कार्रवाई का भरोसा दिया। 

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