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अनाथ बच्चों के लिए खुले मेडिकल कॉलेजों के द्वार, एमबीबीएस की 11 व बीडीएस की दो सीट आरक्षित

उत्‍तराखंड के बाल गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों के लिए अब मेडिकल कॉलेजों में दाखिला आसान होगा। राज्य कोटा के तहत उनके लिए सीटें आरक्षित की गई हैं। महाराष्ट्र के बाद उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य है जहां इस तरह का आरक्षण दिया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:30 AM (IST)
अनाथ बच्चों के लिए खुले मेडिकल कॉलेजों के द्वार, एमबीबीएस की 11 व बीडीएस की दो सीट आरक्षित
प्रदेश के बाल गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों के लिए अब मेडिकल कॉलेजों में दाखिला आसान होगा।

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के बाल गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों के लिए अब मेडिकल कॉलेजों में दाखिला आसान होगा। राज्य कोटा के तहत उनके लिए सीटें आरक्षित की गई हैं। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू कर दी गई है। महाराष्ट्र के बाद उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य है, जहां इस तरह का आरक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश में तीन सरकारी व दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं। जिनमें एमबीबीएस की 725 सीट हैं। इसके अलावा दो निजी डेंटल कॉलेज हैं। जहां बीडीएस की 200 सीट हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 85 फीसद सीट स्टेट काउंसिलिंग के माध्यम से भरी जाती हैं। जबकि निजी मेडिकल कॉलेज/डेंटल कॉलेज में सभी दाखिले स्टेट काउंसिलिंग से होते हैं।

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निजी कॉलेजों में 50 फीसद सीट स्टेट कोटा व 50 फीसद ऑल इंडिया-मैनेजमेंट कोटा की होती हैं। एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि अनाथ बच्चों के लिए एमबीबीएस की 11 व बीडीएस की दो सीट आरक्षित की गई हैं। शासनादेश के अनुसार इस आरक्षण का लाभ अभ्यर्थियों को दिया जाएगा। 

कहां कितनी सीट आरक्षित 

एमबीबीएस 

  • दून मेडिकल कॉलेज: 03
  • श्रीनगर मेडिकल कॉलेज: 02
  • हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज: 02
  • एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज: 02 
  • हिमालयन इंस्टीट्यूट जौलीग्रांट: 02

बीडीएस

  • सीमा डेंटल कॉलेज: 01 
  • उत्तरांचल डेंटल कॉलेज: 01

 राजकीय मेडिकल कॉलेजों  को मिले 59 डॉक्टर

उतराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने गुरुवार को प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के 107 पदों के लिए हुए साक्षात्कार का परिणाम घोषित कर दिया। इसमें 59 अभ्यॢथयों का चयन हुआ है। असिस्टेंट प्रोफेसर के दो पदों का परिणाम अभी घोषित नहीं किया गया है। इससे जुड़ी एक याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के आदेश के बाद ही इन पदों का परिणाम जारी किया जाएगा। 

परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि बोर्ड ने 46 प्रोफेसर, 61 एसोसिएट प्रोफेसर और दो असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसी वर्ष 12 से 21 अक्टूबर के बीच अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का आयोजन किया गया। प्रोफेसर के पद पर 21 और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर 38 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति, आॢथक रूप से कमजोर व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित विभिन्न पदों पर पात्र अभ्यर्थी नहीं मिल सके हैं। इनमें प्रोफेसर के 22 व एसोसिएट प्रोफेसर के 23 पद हैं। जिन्हें अग्रेनीत कर दिया गया है। विस्तृत परीक्षा परिणाम www.ukmssb.org पर देखा जा सकता है। 

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