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युद्ध के किस्से याद कर फड़क उठी पूर्व सैनिकों की भुजाएं, वीर नारियों को भी किया गया सम्मानित

दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले रणबांकुरों ने वर्षों बाद जब युद्ध के दौरान हुए किस्सों को याद किया तो आज भी उनकी भुजाएं फड़क उठी। मौका था दसवीं गढ़वाल राइफल्स के स्थापना दिवस का। बटालियन के पूर्व सैनिकों ने इस दौरान अपने अनुभव साझा किए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 04:05 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 04:05 PM (IST)
युद्ध के किस्से याद कर फड़क उठी पूर्व सैनिकों की भुजाएं, वीर नारियों को भी किया गया सम्मानित
युद्ध के किस्से याद कर फड़क उठी पूर्व सैनिकों की भुजाएं, वीर नारियों को भी किया गया सम्मानित।

जागरण संवाददाता, देहरादून। रणभूमि में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले रणबांकुरों ने वर्षों बाद जब युद्ध के दौरान हुए किस्सों को याद किया तो आज भी उनकी भुजाएं फड़क उठी। मौका था दसवीं गढ़वाल राइफल्स के स्थापना दिवस का। बटालियन के पूर्व सैनिकों ने इस दौरान अपने अनुभव साझा किए और बटालियन इतिहास व पुराने दिनों को याद किया। कार्यक्रम में वीर नारियों को सम्मानित किया गया।

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रविवार को कारगी चौक स्थित एक प्लाजा में आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि कर्नल सुदर्शन चौधरी ने विक्टोरिया क्रास विजेता वीर गबर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस दौरान उन्होंने सभी पूर्व सैनिकों को बटालियन के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि स्थापना दिवस पर बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक यहां एकत्रित हुए हैं। जो सराहनीय है। कर्नल गोविंद पंत ने कहा कि इस प्रकार के समारोह से पूर्व सैनिकों में आपसी भाईचारा बना रहता है।

10वीं गढ़वाल राइफल्स पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन गणेश जोशी ने बटालियन के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम बटालियन ने ही स्थापना दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसके बाद ही अन्य रेजीमेंट और बटालियन भी स्थापना दिवस मनाने लगी। कार्यक्रम के समापन पर पूर्व सैनिकों ने बटालियन और विभिन्न युद्धों के अनुभव साझा किए। इस दौरान हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गढ़वाली और कुमाऊंनी लोकगीतों पर पूर्व सैनिक और कार्यक्रम में मौजूद उनके स्वजन जमकर झूमे।

इस दौरान पूर्व कमान अधिकारी ले. जनरल दिनेश राणा, कैप्टन महेंद्र सिंह, तोता राम, कैप्टन बीरेंद्र सिंह रावत, नारायण दत्ता, किशोर कुमार, लक्ष्मी, बचे सिंह राजेंद्र सिंह, मदन सिंह, नरेंद्र रतूड़ी आदि मौजूद रहे।

पूर्व नोसैनिकों के स्वजन ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मोहा मन

पूर्व नोसैनिक समिति का वार्षिक समारोह गार्डवेल सिक्योरिटी सर्विस के रामगढ़, शीशमबाड़ा स्थित प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित हुआ। रविवार को निर्देश गिरी के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व नोसैनिकों के स्वजन ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी का मन मोहा। अध्यक्ष सतीश मुंडेपी ने समिति के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। साथ ही नए सदस्यों का फूल मालाओं से स्वागत किया। उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल 1987 को बैशाखी के दिन समिति का गठन किया गया था। शुरू में समिति के केवल 12 सदस्य थे और अब 150 हो गए हैं। उन्होंने वरिष्ठ नागरिक राजेंद्र कुमार सोम व जूनियर नोसैनिक मनीष रावत को भी सम्मानित किया।

इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करने वाले बच्चों व महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। मुंडेपी ने कहा कि जल्द ही पूर्व नोसैनिकों की एक डायरेक्टरी प्रकाशित की जाएगी। मंच संचालन उपाध्यक्ष कमलेश उनियाल ने किया। सचिव विपुल धस्माना ने समिति की गतिविधियों व कोषाध्यक्ष महिपाल राणा ने आय-व्यय का ब्योरा रखा। इस दौरान संतन पंवार, प्रकाश डबराल, सुरेंद्र रावत, मेहरबान कुंवर आदि उपस्थित रहे।

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