Move to Jagran APP

शासन में अटकी 108 के संचालन की फाइल

जागरण संवाददाता देहरादून उत्तराखंड में आपातकालीन सेवा 108 एंबुलेंस के संचालन की फाइल शासन म

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 10:00 PM (IST)
शासन में अटकी 108 के संचालन की फाइल
शासन में अटकी 108 के संचालन की फाइल

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में आपातकालीन सेवा 108 एंबुलेंस के संचालन की फाइल शासन में अटक गई है। इस सेवा का संचालन कर रही जीवीके ईएमआरआइ का अनुबंध सात मार्च को समाप्त हो रहा है। नया टेंडर कैंप (कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशनल प्रोग्राम) के नाम खुला है। पर इसे अब तक शासन की स्वीकृति नहीं मिली है।

loksabha election banner

बता दें, प्रदेश में वर्ष 2008 में 108 सेवा शुरू की गई थी। इसका संचालन तभी से जीवीके ईएमआरआइ कंपनी के पास है। कंपनी का अनुबंध पूर्व में ही खत्म हो चुका है और फिलहाल सात मार्च तक का एक्सटेंशन कंपनी को मिला हुआ है। वर्तमान में 108 सेवा के तहत 139 एंबुलेंस का संचालन प्रदेशभर में किया जा रहा है। जनवरी में इसका टेंडर नई कंपनी के नाम पर खुल गया था। कंपनी प्रतिमाह 1.18 लाख रुपये प्रति एंबुलेंस पर सेवा का संचालन करेगी। पिछली बार की अपेक्षा स्वास्थ्य महकमे ने इस बार टेंडर में सर्विस की सख्त मॉनीटरिंग का प्रावधान किया हुआ है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल किया गया है। इसके लिए शहर व गाव के अलावा दूरस्थ क्षेत्रों को वर्गीकृत किया गया है, जहा एंबुलेंस का रिस्पास टाइम 20 से 30 मिनट रखा गया है। अगर एंबुलेंस इसमें टाइम लगाएगी तो उसे जुर्माना देना होगा। दूसरा सेवा की गुणवत्ता के तहत फोन कॉल अटेंड नहीं होने व लोगों के साथ व्यवहार पर भी नजर रखी जाएगी। टेंडर संबंधी फाइल शासन में भेजी गई थी, पर अब तक स्वीकृति नहीं मिली है।

हांफ रही 108

108 एंबुलेंस को तेल नहीं मिलने एवं तकनीकी खामियों की वजह से यह सेवा हांफ रही है। इधर, कंपनी की ओर से जनवरी का वेतन कर्मचारियों को अब तक नहीं दिया गया है। इससे उनके सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। 108 के स्टेट हेड मनीष टिंकू के अनुसार सरकार पर कुछ बकाया रहने की वजह से 30 से 35 प्रतिशत गाड़िया नहीं चल पा रही हैं। हमारा करार खत्म होने की वजह से पेट्रोप पंप स्वामियों ने उधार ईंधन देने से इनकार कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.