आक्रोशित 108 के फील्ड कर्मियों का बेमियादी धरना
आपातकालीन सेवा 108 व खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश में एंबुलेंस का संचालन पटरी से उतर गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : आपातकालीन सेवा 108 व खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों का आदोलन जारी है। नई कंपनी में समायोजन की माग को लेकर कर्मचारी चार दिन से कार्य से विरत हैं। इससे प्रदेश में 108 एंबुलेंस व खुशियों की सवारी में लगे वाहनों के पहिये थमे हुए हैं। 108 एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। इधर, राज्य में आगामी एक मई से आपातकालीन सेवा 108 के संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी कैंप व पुरानी कंपनी ईएमआरआइ जीवीके में परिचालन से संबंधित जरूरी संसाधनों का हस्तांतरण होने लगा है। लेकिन नई कंपनी जीवीके के 717 फील्ड कर्मचारियों का समायोजन नहीं कर रही है। ऐसे में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से आपातकालीन सेवा में तैनात रहे इन फील्ड कर्मचारियों के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है।
आंदोलनरत कर्मचारी संगठन के महासचिव सुशील कुमार व राजेश चमोली ने कहा कि फील्ड कर्मचारी हड़ताल पर हैं और पहाड़ व मैदान में एंबुलेंस नहीं चल रही हैं, लेकिन इसकी जिम्मेदारी लेने को ना सरकार तैयार है और ना ही स्वास्थ्य विभाग। पिछले लंबे समय से आपातकालीन सेवा के साथ जुड़े इन फील्ड कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि नई कंपनी को इन फील्ड कर्मचारियों को ही प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करना चाहिए था। 108 व खुशियों की सवारी फील्ड कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी का कहना है कि सरकार का रवैया असंवेदनशील बना हुआ है। तीन दिन पहले आश्वासन देने के बाद भी अब तक फील्ड कर्मचारियों के समायोजन की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। कांग्रेस देगी कर्मचारियों का साथ
समायोजन की माग को लेकर आदोलन कर रहे फील्ड कर्मचारियों को मुख्य विपक्षी दल काग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। काग्रेस ने 30 अप्रैल से फील्ड कर्मचारियों द्वारा शुरू किए जाने वाले अनिश्चितकालीन धरने को समर्थन ही नहीं, बल्कि नेतृत्व करने का भरोसा भी दिया है। बताया जा रहा है कि काग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पीसीसी उपाध्यक्ष सूर्यकात धस्माना आदि भी फील्ड कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठेंगे। वहीं उत्तराखंड नवनिर्माण सेना ने भी समर्थन किया है।