Move to Jagran APP

Tokyo Olympic: ओलिंपिक हाकी में रहा है मसूरी का दबदबा, तीन ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने वाली टीम में 10 खिलाड़ी थे मसूरी से

Olympic Tokyo ओलिंपिक में जब हाकी की बात होती है तो मसूरीवासियों के चेहरे की रौनक बढ़ जाती है। इसकी वाजिब वजह है। वर्ष 1928 से 1936 तक लगातार तीन ओलिंपिक में स्वर्ण पदक कब्जाने वाली भारतीय टीम में दस खिलाड़ी मसूरी से थे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 08:18 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 08:18 AM (IST)
Tokyo Olympic: ओलिंपिक हाकी में रहा है मसूरी का दबदबा, तीन ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने वाली टीम में 10 खिलाड़ी थे मसूरी से
तीन ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने वाली टीम में 10 खिलाड़ी थे मसूरी से।

संवाद सहयोगी, मसूरी। Olympic Tokyo खेलों का महाकुंभ यानी ओलिंपिक टोक्यो (जापान) में चल रहा है। ओलिंपिक में जब हाकी की बात होती है तो मसूरीवासियों के चेहरे की रौनक बढ़ जाती है। इसकी वाजिब वजह है। वर्ष 1928 से 1936 तक लगातार तीन ओलिंपिक में स्वर्ण पदक कब्जाने वाली भारतीय टीम में दस खिलाड़ी मसूरी से थे। इनमें से छह खिलाड़ी मसूरी के सेंट जार्ज कालेज तो चार खिलाड़ी ओकग्रोव स्कूल के पूर्व छात्र थे।

loksabha election banner

एम्सटर्डम ओलिंपिक, वर्ष 1928

ओलिंपिक में पहली बार भारतीय हाकी टीम ने 1928 में एम्सटर्डम ओलिंपिक में भाग लिया। इस टीम में मसूरी के पांच खिलाड़ी जार्ज मार्टिन, एमए गेटली, डब्ल्यूजेजी कलिन (सभी सेंट जार्ज कालेज) और आरजे एलन व एरिक पिन्नीगर (ओकग्रोव स्कूल) थे। नीदरलैंड में हुए इसी ओलिंपिक से भारतीय हाकी खिलाड़ि‍यों ने स्वर्णिम इतिहास लिखना शुरू किया। इस प्रतियोगिता में भारतीय हाकी टीम ने कुल 28 गोल किए, लेकिन खुद एक भी गोल नहीं खाया। भारत ने आस्ट्रिया को 6-0 से, बेल्जियम को 9-0 से, डेनमार्क को 5-0 से, स्विट्जरलैंड को 5-0 से और फाइनल में मेजबान नीदरलैंड को 3-0 से धूल चटाई थी।

लास एंजलिस ओलिंपिक, वर्ष 1932

इसके बाद वर्ष 1932 में हुए लास एंजलिस ओलिंपिक में मसूरी के सेंट जार्ज कालेज के सीसी टैपसल और ओकग्रोव स्कूल के आरजे एलन, एरिक पिन्नीगर, एलसी हैमंड व आरजे कैर ने भारतीय हाकी टीम का प्रतिनिधित्व किया। इस ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम ने मेजबान अमेरिका को 24-1 से शिकस्त दी थी। इस मैच में मेजर ध्यानचंद ने आठ और उनके भाई रूप सिंह ने दस गोल किए थे। जिसके बाद खेल समीक्षकों ने टिप्पणी करते हुए लिखा था कि 'पूरब का तूफान अमेरिकी हाकी को पैरों तले रौंदते हुए स्टेडियम से बाहर निकला'।

बर्लिन ओलिंपिक, वर्ष 1936

वर्ष 1936 में बर्लिन ओलिंपिक में मेजबान जर्मनी को शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम में सेंट जार्ज कालेज के सीसी टैपसल, ईजेजी कलिन, लियोनल सी. एम्मेट और ओकग्रोव स्कूल के आरजे एलन शामिल थे। इस ओलिंपिक में फाइनल में भारत ने जर्मनी को 8-1 से धूल चटाई थी।

सेंट जार्ज और ओकग्रोव ने सहेज रखी हैं हाकी के धुरंधरों की यादें

मसूरी के सेंट जार्ज कालेज ने हाकी के अपने धुरंधर खिलाड़ि‍यों की याद को ताजा रखने और उनको सम्मान देने के लिए कालेज में उनके नाम से गेटली हाउस, कालिंस हाउस, टैपसल हाउस व मार्टिंस हाउस बनाए हैं। वहीं, ओकग्रोव स्कूल आरजे कैर की स्मृति में हर साल हाकी प्रतियोगिता आयोजित करता है।

यह भी पढ़ें:-Tokyo Olympic: हाकी के 'तारणहार' को दून में हुआ था हाकी से 'प्यार', देहरादून में बीता ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का बचपन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.