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ई-नैम से जुड़ेंगी राज्य की 10 और मंडियां

उत्तराखंड की 10 और मंडियां ई-नैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) योजना से जुड़ेंगी। अभी तक राज्य की पांच मंडियां ई-नैम से जुड़ी हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 02 Oct 2017 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 02 Oct 2017 10:37 PM (IST)
ई-नैम से जुड़ेंगी राज्य की 10 और मंडियां
ई-नैम से जुड़ेंगी राज्य की 10 और मंडियां

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: किसानों की आय दोगुना करने की कड़ी में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ई-नैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) योजना से उत्तराखंड की 10 और मंडियां जुड़ेंगी। इसका प्रस्ताव केंद्रीय कृषि मंत्रालय को भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही कि इस माह के आखिर तक इसे केंद्र से हरी झंडी मिल जाएगी। अभी तक राज्य की पांच मंडियां ई-नैम से जुड़ी हैं। वहीं, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि इस पहल से राज्य के किसानों को उत्पाद का समुचित दाम मिल सकेगा।

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देश में एक कृषि बाजार की अवधारणा के मद्देनजर ई-नैम योजना की शुरुआत पिछले वर्ष 14 अपै्रल को हुई। इसमें राज्य की पांच मंडियों हरिद्वार, काशीपुर, गदरपुर, किच्छा व सितारगंज को जोड़ा गया है। योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले, इसे देखते हुए देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, रुड़की, जसपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, खटीमा व टनकपुर मंडियों को भी ई-नैम से जोड़ने का प्रस्ताव भेजा गया है।

राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि किसानों के लिए ई-नैम बेहद लाभकारी है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश की सभी 23 मंडियों को धीरे-धीरे इससे जोड़ा जाए।

ई-नैम के फायदे

-ऑनलाइन जुड़ने के बाद किसान के सामने उत्पाद की बिक्री के विकल्प होंगे ज्यादा

-जहां भी बेहतर दाम मिलेगा, किसान वहां उत्पादों को बेच सकेंगे

-राज्यभर में कारोबार के लिए होगा केवल एक ही लाइसेंस

-कारोबार करने वालों को मंडी शुल्क में 10 फीसद तक की छूट

 किसान से पूछकर तय होता है रेट

ई-नैम से जुड़ने के बाद किसान जो भी उत्पाद बेचना चाहें, उसकी बोली के लिए एक ही वक्त तय होगा। जो रेट तय होगा, उसके बारे में पहले किसान से पूछा जाएगा कि वह इससे सहमत है अथवा नहीं। सहमति व असहमति के लिए दिया जाता है आधा घंटे का वक्त। किसान की सहमति के बाद ही उसके खाते में भेजी जाती है उत्पाद की कीमत।

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