नवें दिन मां सिद्धिदात्री के स्वरूप की पूजा अर्चना
नवरात्र के नवें दिन रामनवमी का पर्व मनाया गया। मंदिरों में नव दुर्गा के नौवें स्वरूप की पूजा अर्चना की गई।
जेएनएन, चम्पावत/टनकपुर : नवरात्र के नवें दिन रामनवमी का पर्व मनाया गया। मंदिरों में नव दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री के स्वरूप की पूजा अर्चना कर सुंदरकांड व अखंड रामायण पाठ का आयोजन हुआ। इससे पूर्व सुबह श्रद्धालुओं ने नदियों में स्नान कर मंदिरों में जलाभिषेक किया।
चम्पावत के मां हिगला देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, गोलज्यू मंदिर, डिप्टेश्वर, ताड़केश्वर, मानेश्वर समेत सभी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। नौ दिन से अखंड व्रतधारी पुजारियों एवं देव डांगरों व देवी भक्तों ने कन्या पूजन एवं हवन किया। इधर टनकपुर के नायकगोठ स्थित मां अखिल तारिणी मंदिर में ग्रामीणों ने अष्टमी को बूम काकड़ में देव डागरा को स्नान कर रात्रि में जागरण किया। ग्रामीणों ने विशाल घंटा देवी के मंदिर में चढाया। विशाल धनुष बाण ऐड़ी ब्यानधुरा मंदिर में भी चढ़ाया गया। कालिका के रूप में आभा सिंह, उल्का देवी के रूप में मनोहर सिंह धामी, शीतला माता के रूप में महेश्वरी देवी, भूमियां के रूप में नवीन सिंह, त्योत्तर देवी के रूप में अमन सिंह, ब्यानधुरा बाबा के रूप में सुरेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, अमर सिंह के शरीर में अवतरित देवी देवताओं ने सभी को आशीर्वाद दिया। वही नवमी की सुबह यज्ञ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस मौके पर ग्राम प्रधान भवानी देवी, बृजमोहन सिंह, शाति देवी, राजेश्वरी जोशी, राजू सिंह, विशाल सिंह, कौशल्या देवी, भवानी देवी, नीता देवी, आशा धामी आदि मौजूद रहे। ========== नवरात्र के अंतिम दिन भक्तों ने की मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना
लोहाघाट : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में चैत्र मास की नवरात्र नवमी पर्व पर भक्तों ने सिद्धिदात्री के स्वरूप की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी। मान्यता है कि इस दिन शास्त्रीय विधि विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। मंदिरों में रात्रि जागरण के साथ भजनों का आयोजन किया गया। लोगों ने कन्याओं का पूजन कर व्रत का परायण भी किया। सिद्धिदात्री मा की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की लौकिक पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है।
नवरात्र के अंतिम दिन भक्तों ने मा महागौरी व सभी सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मा सिद्धिदात्री की आराधना के साथ ही कन्या पूजन कर माता के सभी नौ स्वरूपों का स्मरण किया। नगर के प्रसिद्ध ऋषेश्वर महादेव मंदिर, सुई के मां भगवती, कैलबकरियां मंदिर, विशुंग के मां कड़ाई देवी मंदिर, आदित्य महादेव मंदिर, पऊ के मस्टा, गलचौड़ा, एवं वन देवी मंदिर, पाटन के मां झूमाधुरी, कलीगांव के मां देवीधार, दिगालीचौड़ के अखिल तारिणी, खूना के मां पूर्णागिरि समेत विभिन्न मंदिरों में हवन यज्ञ किए गए। नेपाल सीमा से लगे चमू देवता मंदिर में भी विधि विधान से पूजा-अर्चना हुई। बाराकोट ब्लाक के मां वरदायिनी, लड़ीधुरा, पाटी के मस्टा, ऐड़ी फटकशिला, श्री सिद्ध बाबा आदि मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। इधर मां बाराही धाम देवीधुरा में भीड़ देखने को मिली। रावलगांव के शिवमंदिर व भगवती मंदिर, छुलापें के भूमिया मंदिर, सुई गलचौड़ा के भगवती मंदिरों में रात्रि जागरण का आयोजन किया गया रात भर भजन कीर्तनों के साथ देव डांगरों ने अवतरित होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया।