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पूर्णागिरि मेला बंद होने से हजारों श्रद्धालुओं को लौटना पड़ा बैरंग

चम्पावत के मां पूर्णागिरि मेले में रोक के बाद मंगलवार को श्रद्धालुओं को बैरंग लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 06:12 AM (IST)
पूर्णागिरि मेला बंद होने से हजारों श्रद्धालुओं को लौटना पड़ा बैरंग
पूर्णागिरि मेला बंद होने से हजारों श्रद्धालुओं को लौटना पड़ा बैरंग

टनकपुर, जेएनएन : कोरोना वायरस के खौफ से शासन-प्रशासन द्वारा उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंगलवार को प्रशासन ने कई जगह श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने से रोक दिया। प्रशासन की सख्ती के चलते हजारों श्रद्धालुओं को बिना दर्शन के बैरंग घरों को लौटना पड़ा।

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पुलिस ने ककरालीगेट बैरियर गेट के आगे से श्रद्धालुओं को धाम में प्रवेश नहीं करने दिया। वहीं टनकपुर सीमा क्षेत्र में भी नेपाल के ब्रह्मादेव मंडी स्थित सिद्धनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी बैराज बैरियर पर रोककर उन्हें वापस भेज दिया गया। श्रद्धालुओं को मंदिर जाने से रोकने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सोमवार को डीएम एसएन पांडेय की अध्यक्षता में अधिकारियों व प्रतिनिधियों की बैठक में कोरोना वायरस से एहतियातन बचाव के लिए मेले को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। जिलाधिकारी एसएन पांडे का कहना है कि कोरोना का प्रकोप कम हुआ तो मेले को फिर से सुचारू करने पर विचार किया जाएगा। ==========

नेपाल के सिद्धबाबा भी नहीं जा पाएंगे श्रद्धालु

टनकपुर : कोरोना वायरस को देखते हुए प्रशासन द्वारा नेपाल सिद्धनाथ मंदिर को जाने वाले श्रद्धालुओं पर भी रोक लगा दी है। मंगलवार को उन यात्रियों को नेपाल से वापस आने दिया गया सोमवार को सिद्धनाथ मंदिर के दर्शन को गए थे। जबकि मंगलवार को 11 बजे के बाद श्रद्धालुओं के नेपाल जाने पर रोक लगा दी गई। ====

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ट्रेन से हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

टनकपुर : मंगलवार को अपराहन बरेली से आने वाली ट्रेन में हजारों श्रद्धालु टनकपुर पहुंचे। बरेली से आए श्रद्धालु मनोज कश्यप ने बताया कि उन्हें जानकारी न होने के कारण वह परिवार के साथ मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को आए थे। जहां पुलिस ने उन्हें वापस जाने की सलाह दी। ========== रेलवे को उठाना पड़ेगा नुकसान

टनकपुर : रेलवे अधीक्षक डीएस दरियाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से पांच से छह हजार के करीब श्रद्धालु हर रोज दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं के न आने से रेलवे को नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं पहली बार मेला अनिश्चितकाल बंद होने पर वाहन स्वामियों व चालकों में भी मायूसी देखने को मिल रही है। टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष विनोद सिंह बिष्ट ने बताया कि मेले में करीब 600 टैक्सियां व 40 बसें संचालित हो रही थीं। संचालन बंद होने से अब रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। ========= मंदिर समिति ने कहा यहां पहुंचे श्रद्धालुओं को दी जाए दर्शन की अनुमति

टनकपुर : पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन पांडेय का कहना है कि आस्था को लेकर मां पूर्णागिरि धाम को जो श्रद्धालुओं आ चुके हैं उन्हें धाम के दर्शन करने देना चाहिए। उन्होंने मेला स्थगित होने का व्यापक प्रचार प्रचार करने की बात कही ताकि लोगों का आना बंद हो सके। ========== पूर्णागिरि धाम में पसरा सन्नाटा

टनकपुर : मां पूर्णागिरि धाम में जहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे, वहीं अब सन्नाटा पसर गया है। मेला स्थगित होने से पुजारियों व दुकानदारों में मायूसी छा गई है। टनकपुर मेला क्षेत्र व नेपाल के ब्रह्मादेव मंडी में भी सन्नाटा पसरा गया है।

========== व्यापारियों का व्यापार भी चौपट

टनकपुर : मेला बंद होने से टनकपुर के व्यापारियों का व्यापार भी खासा प्रभावित हो रहा है। टनकपुर के कई व्यापारी पूर्णागिरि मेले पर ही निर्भर रहते हैं। व्यापार मंडल के महामंत्री वैभव अग्रवाल ने बताया कि मेले के लिए कई व्यापारियों द्वारा उधार में सामान दिया जाता है, लेकिन मेला बंद होने से अब वसूली में भी दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं पूर्णागिरि मेले में कई व्यापारियों ने मेले के लिए अधिक स्टॉक में सामान भी जमा किया है।


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