टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच कई स्थानों पर बंद, लगातार बारिश से मार्ग खुलने की संभावना नहीं
विगत तीन दिनों से पूरे चम्पावत जनपद में हो रही मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : विगत तीन दिनों से पूरे जनपद में हो रही मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पर्वतीय व मैदानी क्षेत्र पानी से तरबतर हो गए हैं। नदी नाले उफान पर है। शारदा, हुड्डी, लधिया, लोहावती, काली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद है। लगातार हो रही बारिश से एनएच खुलने की संभावना न के बराबर हैं। वहीं भूस्खलन से कई सरकारी व निजी भवनों को खतरा पैदा हो गया है। पुलिस, प्रशासन, आपदा व सेना की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगी हुई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्र में रात्रि से विद्युत बाधित चल रही है। जिससे लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल नेटवर्क भी ठप पड़े हुए हैं।
भारी बारिश से चम्पावत जिले में घाट से टनकपुर तक 12 से अधिक स्थानों पर मलवा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। कलमठों के बंद हो जाने से पानी सड़क पर बह रहा है। इससे एनएच के और क्षतिग्रस्त होने की संभावना है। वहीं बारिश के लगातार होने से कार्यदायी कंपनियां मलबा हटाने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। एहतियातन पुलिस ने टनकपुर के ककराली गेट और चम्पावत के बेलखेत में वाहनों को रोक दिया। वहीं भूस्खलन के चलते करीब 12 आतरिक सड़कें भी बंद चल रही हैं। भारी बारिश के चलते एनएच में आए मलबे को हटाने के कार्य में बाधा पैदा हुई। बारिश से चम्पावत जिले में व्यापक नुकसान हुआ है। जनपद में 17 अक्टूबर की शाम से बारिश लगातार हो रही है। स्वाला के समीप सुबह छह बजे पाच स्थानों पर मलबा गिर गया। मरोड़ाखान, भारतोली, बसान, च्यूरानी, लीसा डिपो, खोल्का और सूखीढाग में एक-एक स्थान पर भारी मात्रा में मलबा गिर गया। इसके अलावा चल्थी में बनाया गया डायवर्जन पूरी तरह से तबाह हो गया। कई स्थानों पर रास्ते, दीवारें और खेत पूरी तरह से टूट गए हैं। चल्थी की लधिया नदी में आरजीबीएल कंपनी द्वारा बनाया जा रहा निर्माणाधीन पुल भी पानी के वेग के आगे नहीं टिक पाया और बह गया। इससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो गया। बारिश के चलते जनपद के पर्वतीय क्षेत्र चम्पावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट आदि क्षेत्र में देर रात्रि से लाइट नहीं है। लोगों के मोबाइल डिस्चार्ज हो गए हैं। मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है। इससे लोग एक दूसरे से संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। बारिश से चम्पावत तहसील का भी एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे तहसील के कमरों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं जनपद के मैदानी क्षेत्र टनकपुर, बनबसा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। शारदा व हुड्डी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया व विधायक कैलाश गहतोड़ी के नेतृत्व में शारदा घाट व बनबसा क्षेत्र से करीब 3500 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इन्हें स्कूलों, धर्मशालाओं में रुकवाया गया है। विधायक द्वारा उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई है। वहीं विधायक गहतोड़ी ने स्वयं शक्तिमान से जाकर शारदा घाट क्षेत्र का निरीक्षण किया और घर में बैठे लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर भिजवाया। हजारों हेक्टेयर धान की फसल भी बर्बाद हो गई है। चारों तरफ अब भगवान से बारिश के थमने की प्रार्थना कर रहे हैं। ======= बगैर दर्शन किए हजारों श्रद्धालुओं को प्रशासन ने वापस भेजा
टनकपुर : बारिश का अलर्ट होने व लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रशासन ने मां पूर्णागिरि धाम के दर्शनों को आए करीब 15 हजार श्रद्धालुओं को बगैर दर्शन कराए वापस घरों को भेज दिया। जबकि सैकड़ों श्रद्धालु अभी भी बारिश रुकने के बाद दर्शन की आस लगाए होटल व धर्मशालाओं में रुके हुए हैं। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर, सीतापुर और बहराइच समेत दिल्ली, पंजाब से बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचे टनकपुर पहुंचे थे। यह पहली बार है जब अचानक पूर्णागिरि धाम श्रद्धालुओं से खाली कराया गया। कई श्रद्धालु बुधवार तक अलर्ट टलने का इंतजार कर रहे हैं। हालाकि जिला प्रशासन इसके लिए अग्रिम आदेश जारी करेगा। पूर्णागिरि के साथ ही बूम स्नान घाट और शारदा घाट से भी सोमवार को भक्तों को वापस भेजा गया।