तस्कर फरारी मामले में दारोगा व दो कांस्टेबल निलंबित
चम्पावत/बनबसा में पुलिस अभिरक्षा से चरस तस्कर के फरार होने के मामले में एसपी ने तीन का निलंबन कर दिया है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत/बनबसा : पुलिस अभिरक्षा से चरस तस्कर के फरार होने के मामले में एसपी ने दारोगा व दो कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है। तस्कर की तलाश में तीन थानों की पुलिस लगाई गई है। इसके लिए पुलिस ड्रोन की भी मदद ले रही है। वहीं आरोपित के खिलाफ पुलिस अभिरक्षा से फरार होने पर चल्थी चौकी में मुकदमा दर्ज किया गया है।
नौ नवंबर को रात्रि में बनबसा थानाध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान और शारदा बैराज चौकी प्रभारी गोविंद सिंह बिष्ट ने संयुक्त चेकिंग के दौरान बैलबंद गोठ के पास एक नेपाल के बजांग निवासी गणेश बोरा को 5.750 किग्रा चरस के साथ गिरफ्तार किया था। रविवार सुबह मेडिकल कराने के उपरांत चम्पावत कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रहे थे। दरोगा राधिका भंडारी, कांस्टेबल कपूर पाल व भवान सिंह ने इसके लिए प्राइवेट गाड़ी हायर की थी। टनकपुर से निकलने के बाद जैसे ही गाड़ी आठवां मिल पर पहुंची तो आरोपित गणेश लघुशंका का बहाना कर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस ने पीछा किया तो पथराव करता हुआ जंगल की ओर भाग निकला। तब से टनकपुर, बनबसा व चल्थी पुलिस जंगलों की खाक छान रही है। पुलिस ने बॉर्डर पर जाने वाले मार्गो पर चेकिंग तेज करने के साथ एसएसबी व बॉर्डर पुलिस को सचेत कर दिया है। पुलिस आठवां मिल से सूखीढांग, बाटनागाढ़, ठुलीगाढ़, सेनापानी आदि क्षेत्रों तक कई किमी जंगल में वन विभाग की टीम को साथ लेकर तलाश कर रही है। आरोपित के फरार होने पर पुलिस ने चल्थी चौकी में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच चल्थी चौकी प्रभारी हरीश प्रसाद को सौंपी गई है। वहीं मामले में लापरवाही बरतने पर एसआइ राधिका व कांस्टेबल कपूर व भवान को निलंबित कर दिया है। पुलिस छानबीन के लिए ड्रोन की भी मदद ले रही है।
नदी के रास्ते नेपाल जा सकता है आरोपित
नेपाली तस्करों के लिए शारदा नदी काफी मुफीद साबित हो रही है। घटना को हुए 30 घंटे से अधिक बीत चुके हैं। जबकि घटनास्थल से नदी की दूरी करीब 35 किमी आंकी जा रही है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आरोपी कहीं नदी के रास्ते नेपाल तो नहीं चला गया। पुलिस ने इस संभावना को देखते हुए नदी किनारे भी गश्त बढ़ा दी है।
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पूर्व में एक आरोपी के भागने पर हुई थी मौत
पुलिस अभिरक्षा से भागने का यह पहला मामला नहीं बल्कि जनपद पुलिस के पास इसके पुराने कड़वे अनुभव भी है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 2006 में एक महिला आरोपी पुलिस को गच्चा देकर टिपन टॉप से फरार हुई थी, लेकिन उसकी खाई में कूदने पर मौत हो गई थी। वहीं 2004 में लोहाघाट न्यायिक बंदी गृह से भी दो विचाराधीन कैदी फरार हुए थे। हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें दबोच लिया था।
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फरार चरस तस्कर के खिलाफ चल्थी चौकी में मुकदमा दर्ज करने के साथ मामले में लापरवाही बरतने पर महिला दरोगा व दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच भी कराई जा रही है। एलआइयू इंस्पेक्टर को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। तीनों थानों की पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी हुई है। ड्रोन से भी चेक कराया जा रहा है। अभी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
- धीरेंद्र गुंज्याल, एसपी, चम्पावत