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चम्पावत में वाल्मीकि जयंती पर निकली शोभायात्रा

चम्पावत के टनकपुर व लोहाघाट आदि क्षेत्रो में वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 10:15 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:15 PM (IST)
चम्पावत में वाल्मीकि जयंती पर निकली शोभायात्रा
चम्पावत में वाल्मीकि जयंती पर निकली शोभायात्रा

संस, लोहाघाट/टनकपुर : नगर में वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान वाल्मीकि मंदिर में सत्संग, भजन और पूजा अर्चना की गई। बुधवार को वाल्मीकि समाज के सरपंच हरचरन के दिशा निर्देशन पर लोगों ने नगर में रोजवेड स्टेशन के पास बने वाल्मीकि मंदिर में भजन, कीर्तन और सत्संग का आयोजन किया। सरपंच ने बताया कि इस बार कोरोना माहामारी के कारण आयोजन को सूक्ष्म रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी लोगों ने मंदिर में सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रसाद वितरण करने के बाद सुख शाति की कामना की गई। इस मौके पर सतीश कुमार, मनीष कुमार, संजय, बबलू, राहुल, दीपक, दलीप मुकेश, सोनू, अंकित, महेश, बाबी कुमार, शिवा आदि रहे। वहीं टनकपुर में वाल्मीकि समाज द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई। घसियारामंडी से डिग्री कालेज होते ही शोभायात्रा मुख्य बाजार में घूमते हुए वापस नई बस्ती में पहुंची। बरेली से आए कलाकारों ने सुंदर झाकियां निकाली। इस मौके पर अध्यक्ष उमेश वाल्मीकि, रवि वाल्मीकि, रितिक, परवेश, सुरेश वाल्मीकि, कमलेश, राकेश, मधुसूदन, रामदयाल आदि मौजूद रहे। ======= मा के जयकारों के बीच निकली देवी रथ यात्रा

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लोहाघाट : विकास बाराकोट के चार दिवसीय लड़ीधुरा महोत्सव का देवी रथों के मंदिर परिक्रमा के बाद समापन हो गया है। श्रद्धालुओं ने बारकोट और काकड़ से आने वाले देवी रथों से मा का आशीर्वाद प्राप्त किया। सुहावने मौसम के बीच सुबह से ही श्रद्धालुओं का लड़ीधुरा मंदिर आने का क्रम शुरू हो गया था। मंगलवार रात को काकड़ और बाराकोट गावों में देवी जागरण हुआ। इस दौरान लगी देव गद्दी में लोक देवताओं ने अवतरित होकर पीड़ित लोगों के कष्टों का निवारण कर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। बुधवार दोपहर बाद काकड़ और बाराकोट से देवी रथों ने लड़ीधुरा मंदिर की ओर प्रस्थान किया। दुर्गम खड़ी चढ़ाई पार कर लड़ीधूरा मंदिर पहुंचे। जिसमें काकड़ गाव से पहुंचे रथ में माँ भगवती डागर ने सवार होकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रहे थे। बाराकोट से दूसरा देवीरथ लंबी कठिन दूरी पार कर लड़ीधुरा मंदिर पहुंचा। जिसमें मा भगवती, कैलपाल के देव डागरों ने सवार होकर आशीर्वाद दिया। रथों के पीछे महिलाएं मा मागलिक गीतों का गायन किया। युवाओें ने जयकारे लगाए। देवी रथों द्वारा मंदिर की परिक्रमा करने के बाद चार दिवसीय लड़ीधुरा महोत्सव का समापन किया गया। मेले के चलते विभिन्न स्थानों से बढ़ी संख्या में व्यापारी पहुंचे हुए थे। महोत्सव समिति के अध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी ने सभी सहयोगियों का आभार जताया। जगदीश अधिकारी, राजू अधिकारी, विनोद सिंह, ऋतेश वर्मा, प्रकाश अधिकारी, रमेश जोशी, नकुल जोशी, रजनीश जोशी, जगदीश जोशी आदि मौजूद रहे। ========= विशुंग और सूराकोट में निकली देवी रथ यात्रा

लोहाघाट : विशुंग के देवखुरा मंदिर में शरद पूर्णिमा पर्व पर देवी रथ यात्रा निकाली गई। रथ में सवार देव डागरों ने चंवर गाय की पूंछ हिलाकर आशीर्वाद दिया। सुबह पंडितों ने गाव के मंदिरों में पूजा-अर्चना संपन्न करती। इधर बाराकोट ब्लाक के सूराकोट गाव में सेरान के देवी थान मंदिर से जयकारों के बीच देवी रथ यात्रा निकाली। सुबह से मंदिरों में पूजा अर्चना का दौर चलता रहा।


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