निर्दल प्रत्याशी उड़ा रहे सिंबल प्रत्याशियों की नींद
जागरण संवाददाता, चम्पावत : निकाय चुनाव की मतदान बेला के अंतिम पड़ाव के साथ ही त्रिकोणीय मुका
जागरण संवाददाता, चम्पावत : निकाय चुनाव की मतदान बेला के अंतिम पड़ाव के साथ ही त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। दोनों ही राष्ट्रीय दलों की खेमेबाजी में निर्दल को बल मिलता दिख रहा है। भाजपा ने जहां सामान्य सीट पर ओबीसी को टिकट देकर स्वर्ण समुदाय को झटका दिया है तो वहीं कांग्रेस की अंदरूनी कलह से बागियों ने सेंध लगा दी है। जिससे निर्दलीय प्रत्याशी राष्ट्रीय दलों के समीकरणों को बिगाड़ सकते है। ऐसे में निर्दल में तो बल दिख रहा है मगर राष्ट्रीय सिंबल हाफता नजर आ रहा है। बहरहाल जो भी है इसका फैसला आज हो ही जाएगा कि आखिर किसके सिर ताज सजेगा।
भाजपा और कांग्रेस को निर्दलीय कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो दोनों राष्ट्रीय दलों ने सामान्य सीट पर ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट देकर सामान्य वर्ग के लोगों को नाखुश किया। यही वजह है कि निकाय चुनाव में हुए मतदान में चम्पावत में पूर्व पालिका अध्यक्ष भाजपा बागी प्रकाश तिवारी और प्रकाश पांडेय राष्ट्रीय दलों पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे है। बात सत्ता पर बैठी भाजपा की करें तो भाजपा कार्यकर्ता और संघ प्रचारक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तीन-तीन जगह बंटे नजर आ रहे हैं। दूसरी बार हुए निकाय चुनाव में मतदाता की खामोशी ने भी लोगों को चिंता में डाला है। वहीं दूसरी तरफ लोहाघाट विधानसभा की मात्र एक नगर पंचायत में राष्ट्रीय दलों की तरफ से सिर्फ भाजपा को टिकट मिल पाया। जबकि कांग्रेसियों की अदंरूनी कलह की वजह से किसी को सिंबल नसीब नहीं हुआ। निर्दलीय उम्मीदवार भोपाल मेहता को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। हालांकि अलग-अलग खेमों में बटी कांग्रेस भोपाल मेहता के समर्थन में नजर नहीं आए। जबकि भाजपा बागी पूर्व चेयरमैन लता वर्मा कि पति निर्दलीय उम्मीदवार गोविंद वर्मा भाजपा के समीकरणों को बिगाड़ सकते हैं। जिससे एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है। बात टनकपुर की करें तो टनकपुर में सबसे अधिक भाजपा को उनके बागियों ने ही नुकसान पहुंचाया है। भाजपा के दो बागी उम्मीदवार विपिन वर्मा व भीम रजवार का असर भाजपा प्रत्याशी दीपक पाठक को पड़ता दिख रहा हे। जिस कारण टनकपुर में भाजपा कांग्रेस के अलावा भाजपा बागी भी सीट पर कब्जा कर सकते हैं। बनबसा में दोनों राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों पर निर्दलीय प्रत्याशी हावी दिख रही हैं। फिर भी यहां पर भाजपा और कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार की वजह से त्रिकोणीय मुकाबला लग रहा है। अब जो भी प्रत्याशियों का भाग्य बैलेट बॉक्स में बंद है। 20 तारीख को उनके भाग्य का फैसला हो ही जाएगा।