निश्शुल्क प्रशिक्षण के नाम पर सेवायोजन कार्यालय में धांधली, फर्जी तरीके से छात्र-छात्राओं का कराया जा रहा पंजीकरण
अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को चम्पावत सेवायोजन कार्यालय में निश्शुल्क प्रशिक्षण के नाम पर धांधली का मामला सामने आया है।
चम्पावत, विनय कुमार शर्मा : अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को सेवायोजन कार्यालय में निश्शुल्क दिए जा रहे ग्रुप सी व कंप्यूटर प्रशिक्षण में धांधली उजागर हो रही है। प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जिस कारण छात्र-छात्राओं का प्रशिक्षण से मोह भंग हो रहा है। यही वजह है कि जनवरी से शुरू होने वाला प्रशिक्षण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। विभाग ने इसके लिए सात बच्चों का पंजीकरण भी किया है, लेकिन उनमें से कई पंजीकरण फर्जी तरीके से किए गए हैं।
सेवायोजन कार्यालय के शिक्षण एवं मार्गदर्शन केंद्र द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग के इंटर पास छात्र-छात्राओं को ग्रुप सी की भर्ती व बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण देने के लिए साल में छह-छह माह का दो बार प्रशिक्षण दिया जाता है। केंद्र द्वारा रोजगार कार्यालय में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की सूची तैयार कर विज्ञप्ति जारी की जाती है। फोन के माध्यम से भी उन्हें प्रशिक्षण में आने को कहा जाता है। विभाग द्वारा उपनल से दो शिक्षकों की तैनाती भी की गई है। जो डेढ़-डेढ़ घंटे ग्रुप सी की तैयारी व कंप्यूटर प्रशिक्षण देते हैं। प्रशिक्षण हर साल जुलाई से दिसंबर व जनवरी से जून तक दिया जाता है। वर्ष 2020 के लिए जनवरी से यह प्रशिक्षण शुरू किया जाना था। माह समाप्त होने में दो दिन शेष हैं, लेकिन अभी तक प्रशिक्षण शुरू नहीं हो पाया है। बुधवार को जब जागरण टीम मामले की पड़ताल करने पहुंची तो हकीकत से पर्दा उठा। पता चला कि अभी तक प्रशिक्षण के लिए सात छात्र-छात्राओं ने ही पंजीकरण कराया। वहां मौजूद प्रशिक्षक हीरा बल्लभ पुनेठा ने बताया कि विद्यार्थियों के न आने से प्रशिक्षण शुरू नहीं हो सका है। वहीं दूसरी प्रशिक्षक पूनम वर्मा अवकाश पर हैं। जब पंजीकृत छात्र-छात्राओं से हकीकत जानने के लिए फोन कर जानकारी ली गई तो कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई। ----------------------
मैंने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन..मैं यहां रहता ही नहीं प्रशिक्षण केंद्र से मिले सात छात्र-छात्राओं के फोन नंबर पर जानकारी की गई तो छात्र महेंद्र कुमार ने बताया कि मैंने तो फार्म ही नहीं भरा तो पंजीकरण कैसे हो गया? वहीं छात्र सचिन कुमार ने बताया कि वह आगरा रहता है। वहां मैं फार्म क्यों भरुंगा? मैं तो चम्पावत का पहली बार नाम सुन रहा हूं। छात्रा ममता गोस्वामी ने बताया कि अपनी बहन के साथ उसने मार्च 2019 में फार्म भरा था। दो दिन कंप्यूटर सीखने गई थी, लेकिन उन्होंने कंप्यूटर नहीं सिखाया। इसलिए वह दोबारा नहीं गई। अब किसने फार्म भरा पता नहीं। वहीं दो नंबर मौके पर बंद मिले। इससे तो साफ प्रतीत होता है कि पंजीकृत सातों फार्म फर्जी तरीके से भरे गए हैं। ------------ खराब कंप्यूटर से करा दिया छह माह का प्रशिक्षण
प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कुछ छात्रों से फोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें कंप्यूटर प्रशिक्षण नहीं मिला। केवल मौखिक प्रशिक्षण दिया गया। कारण कि वहां पर विगत एक साल से कंप्यूटर खराब पड़े हुए हैं। जिस कारण वह प्रैक्टिकल नहीं कर पाए। शिक्षक ने बताया कि पिछले महीने ही सभी कंप्यूटर ठीक किए हैं। बताया कि वहां पर प्रशिक्षण जाने से बढि़या है कि वह घर पर तैयारी करें। प्रशिक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। --------------------- नहीं मिलते एससी-एसटी व ओबीसी के बच्चे : प्रशिक्षक
प्रशिक्षक पुनेठा ने बताया कि चम्पावत में एससी-एसटी व ओबीसी के बच्चों की संख्या कम है। इंटर पास करने के बाद रोजगार कार्यालय में पंजीकरण कराने वाले बच्चों की सूची तैयार की जाती है। उसमें से एक दो किमी के सराउंडिंग में रहने वाले बच्चों को कॉल कर प्रशिक्षण लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। वहीं तीन दिन लगातार अनुपस्थित होने पर उसका नाम काट दिया जाता है। जिस कारण उत्तीर्ण छात्रों की संख्या कम हो जाती है। ------------------ विगत चार प्रशिक्षणों की स्थिति
सत्र पंजीकरण उत्तीर्ण
जुलाई से दिसंबर 2019 तक 30 15
जनवरी से जून 2019 तक 20 15
जुलाई से दिसंबर 2018 तक 27 20
जनवरी से जून 2018 तक 18 13
जनवरी से जून 2020 7 - शुरूआत नहीं ========= मेरा स्थानांतरण ऊधम सिंह नगर हो गया है। इस बीच रोजगार मेला कराने में ज्यादा व्यस्त हो गया हूं। चम्पावत का मेरे पास एडिशनल चार्ज है। जिस कारण मैं चम्पावत में ध्यान नहीं दे पाया। प्रशिक्षण के लिए मैंने छात्रों की संख्या बढ़ाने के बाद ही शुरू करने को कहा था। फर्जी पंजीकरण किए गए हैं तो गलत है। इस बारे में चेक कर बताऊंगा।
= आरके पंत, प्रभारी जिला सेवायोजन अधिकारी, चम्पावत। ========== प्रशिक्षण के लिए 40 बच्चों का मानक है। पंजीकरण कम होने की वजह से प्रशिक्षण अभी शुरू नहीं हो पाया। समीक्षा बैठक में सेवायोजन अधिकारी ने बताया था कि पंजीकरण कम हुए हैं। 50 प्रतिशत पंजीकरण होने पर प्रशिक्षण शुरू करेंगे। पंजीकरण फर्जी तरीके से हो रहे हैं। इसकी जानकारी नहीं है। इसे चेक करवाता हूं, अगर ऐसा हुआ है तो कार्यवाही की जाएगी।
= एसएन पांडेय, जिलाधिकारी, चम्पावत