अपनों का मिला सहारा, प्रशासन ने किया किनारा
जागरण संवाददाता, चम्पावत : निकाय चुनाव में भले ही प्रशासन ने दिव्यांगों के लिए सुविधाओं के ला
जागरण संवाददाता, चम्पावत : निकाय चुनाव में भले ही प्रशासन ने दिव्यांगों के लिए सुविधाओं के लाख दावे किए हो, मगर मतदान के वक्त उस समय तैयारियां धरी की धरी ही रह गई जब दिव्यांग मतदाता अपनों के सहारे ही बूथ में पहुंचे। प्रशासन से किसी भी प्रकार की सहूलियत उनको नहीं मिल सकी। निकाय चुनाव में अपने मत का अधिकार रखने वाले दिव्यांगों की संख्या करीब एक दर्जन है। प्रत्येक बूथों पर संसाधन उपलब्ध रहने के दावे प्रशासन ने पहले ही किए थे, लेकिन वोट डालने आए दिव्यांगों के हाथों सिर्फ मायूसी हाथ लगी। लोग खुद ही अपनों के सहारे वोट डालने के लिए आते दिखाई दिए। अधिकतर दिव्यांग वोटर मल्लीमादली में दिखाई दिए। जिसमें एक वोटर तुलसीदेवी जब अपनों के सहारे वोट डालने आई तो उनकों कुछ समय इंतजार करना पड़ा। इसके बाद ही उनको जाने दिया गया। वहीं कई बूथों पर सरकारी कर्मचारियों ने स्वयं ही उन्हें ले जाकर उनक वोट डलवाया। बता दें कि निकाय चुनाव होने से पहले डीएम एसएन पांडेय और एसपी धीरेंद्र गुंज्याल ने पहले ही कार्मिकों को दिव्यांगों की सहुलियतों के बारे में बताया था मगर उनको सुविधाएं नहीं मिल सकी। ऐसे में प्रशासन किनारा करता दिखाई दिया सिर्फ अपनों का सहारा ही मिल सका।
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चम्पावत : वार्ड मल्ली मादली में त्रिमूर्ति बनकर आई देवकी देवी ने अफसरों को खूब छकाया। दरअसल, तीनों के नाम देवकी देवी थे। जिनमें से एक 90 साल दूसरी 82 साल और तीसरी 84 वर्ष की निकली। इस तरह एक नाम होने पर अफसर भी चौक गए और लोग भी खिलखिला उठे। चेकिंग के बाद पतियों के नाम अलग-अलग थे। इसके बाद उनके वोट पड़ सके। तीनों देवकी देवी प्रत्येक चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करती है। उनका कहना है कि जब तक जीवित हैं वह अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी।