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छात्रवृत्ति के नाम पर हड़प लिए 39.52 लाख रुपये, एसआइटी की जांच में दोषी पाए गए सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

चम्पावत में देवभूमि विद्यापीठ के नाम पर छात्रों को दाखिला देकर उनके नाम से लाखों रुपये की छात्रवृत्ति हड़प करने के मामले में एसआइटी जांच में दोषी पाए गए सात लोगों पर केस दर्ज किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 11:37 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 06:15 AM (IST)
छात्रवृत्ति के नाम पर हड़प लिए 39.52 लाख रुपये, एसआइटी की जांच में दोषी पाए गए सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
छात्रवृत्ति के नाम पर हड़प लिए 39.52 लाख रुपये, एसआइटी की जांच में दोषी पाए गए सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

चम्पावत, जेएनएन : देवभूमि विद्यापीठ के नाम पर छात्रों को दाखिला देकर उनके नाम से लाखों रुपये की छात्रवृत्ति हड़प करने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। घोटाले के तार समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी से भी जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस ने लंबी जांच के बाद घोटाले के सात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर

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गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी है।

उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देश पर एससी, एसटी, ओबीसी से संबंधित दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में जिला स्तर पर गठित एसआइटी ने इस बड़े घोटाले का भंडाफोड़ किया है। एसपी धीरेंद्र गुंज्याल ने जांच के बाद सामने आए घोटाले को रविवार को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने बताया कि 2015-16 में बनबसा के पचपकरिया में किराये के मकान में देवभूमि विद्यापीठ बनबसा के नाम से खोले गए कॉलेज में एससी के 221 और एसटी के 140 छात्र-छात्राओं को दाखिला दिया गया और उन्हें दी जाने वाली दशमोत्तर छात्रवृत्ति के रूप में कुल 39.52 लाख रुपये सरकार से ले लिए, लेकिन यह धनराशि स्कूल में पंजीकृत छात्र-छात्राओं तक पहुंची ही नहीं। आश्चर्य की बात यह है कि यह कॉलेज दो माह संचालित होने के बाद ही बंद कर दिया गया। एसआइटी टीम ने कॉलेज में भर्ती किए गए 25 छात्र-छात्राओं से पूछताछ की तो पता चला कि बिचौलिया प्रदीप कुमार निवासी तितलीदिया खटीमा और मुकेश कुमार निवासी दिया चांदपुर खटीमा ने छात्रों को कॉलेज की जानकारी देते हुए उनका दाखिला वहां करवाया। छात्रों को मुफ्त में डिग्री और छात्रवृत्ति देने का भी झांसा दिया गया। जालसाजों ने छात्रों के शैक्षिक, आय, जाति प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा की बनबसा शाखा में 26 जनवरी 2015 को उनके खाते भी खुलवा दिए। यह तथ्य भी सामने आया है कि कॉलेज को एमबीए, बीबीए, बीसीए, डीसीए, डीएम का कोर्स कराने के नाम पर खोला गया था। एसआइटी की जांच में इस काले कारनामे में तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी गोपाल सिंह राणा के साथ देवभूमि विद्यापीठ बनबसा के स्वामी प्रबंधक व संचालक चैरब जैन पुत्र कमल कुमार जैन, अमित गोयल पुत्र कश्मीरी लाल, विवेक शर्मा पुत्र दीन दयाल शर्मा, गौरव जैन, विचौलिया मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार के खिलाफ रविवार को बनबसा थाने में 409, 420,467,468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इनमें से अधिकांश लोग हरिद्वार के बताए जा रहे हैं। विवेचना टनकपुर के कोतवाल धीरेंद्र कुमार को सौंपी गई है। ======== एनईएफटीयू के नाम से दिखाई थी संबंद्धता

चम्पावत: जालसाजी प्रकरण में जुड़े लोगों ने कॉलेज की संबंद्धता एनईएफटीयू (नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर टेक्निकल यूनिवर्सिटी ) अरूणाचल प्रदेश से होना बताया था। जांच में खुलासा हुआ है कि उक्त यूनिवर्सिटी से इस कॉलेज की संबंद्धता नहीं थी। ======= अभी और नाम आ सकते हैं सामने चम्पावत: एसपी ने बताया कि घोटाले में और कई बड़े नाम आ सकते हैं। एसआइटी टीम संदेहास्पद लोगों से पूछताछ कर रही है। समाज कल्याण विभाग के कुछ अन्य बड़े अधिकारी भी जांच के एंगिल में आ सकते हैं। ========= एसआइटी की जांच में छात्रवृत्ति घोटाले में दोषी पाए गए सात लोगों के खिलाफ बनबसा थाने में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पुलिस की टीमें गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना कर दिया गया है। शीघ्र सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

-धीरेंद्र गुंज्याल, एसपी, चम्पावत


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