राज्य सभा सांसदों ने की मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग
जागरण संवाददाता, चम्पावत : एडीएम के इस्तीफा देने के मामले में अब राजनीति होने लगी है। हालांकि
जागरण संवाददाता, चम्पावत : एडीएम के इस्तीफा देने के मामले में अब राजनीति होने लगी है। हालांकि दोनों पक्षों के नेताओं ने जिले के अधिकारियों को सुलझा बताते हुए मामले की जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है। राज्य सभा सांसदों ने राज्य सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर अधिकारियों पर अनैतिक दबाव डालने वाली द डायस फाउंडेशन के संस्थापक पर कार्यवाही करने तथा एडीएम के इस्तीफे को निरस्त करने की मांग की। जिससे जिले का विकास तेजी से हो सके। सांसदों ने सरकार से यह भी सवाल किए कि आखिर इतने बड़े लेवल पर काम करने के लिए इस एनजीओ का चयन कैसे किया गया। जिसमें सरकारी धन पानी का तरह बहाया गया। रविवार को प्रदेश के दोनों राज्य सभा सांसदों ने इस बावत प्रेसवार्ता की।
क्या बोले राज्य सभा सांसद
राज्य सरकार ये बताए कि द डायस फाउंडेशन का चयन किसने किए। उसकी क्या उपलब्धियां हैं। जिले में कार्य करने के लिए इसकी जिम्मेदारी किसने दी। एनजीओ को बगैर जांच के कैसे काम दिया गया। साथ ही जिले के आला अधिकारियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करने का अधिकार किसने दिया। जिले के सभी अधिकारी सुलझे हुए हैं। खासतौर पर एडीएम व डीएम। एडीएम का इस्तीफा सरकार को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करना चाहिए। मामले की उच्चस्तरीय जांच करनी चाहिए। सरकार लाखों रुपये किस आधार पर एनजीओ के कार्यक्रम में खर्च कर रही है। अधिकारी पर अनैतिक दबाव बनाकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले एनजीओ पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। राज्य सरकार भाजपा के आकाओं के दबाव में कार्य कर रही है। एनजीओ पर सरकारी धन के खर्च पर रोक लगानी चाहिए। - प्रदीप टम्टा, राज्य सभा सांसद
एडीएम प्रशासनिक अधिकारी है। नौकरी में कई तरह का दवाब रहता है इसे उन्हें हैंड़िल करना चाहिए था। इस्तीफा नहीं देना चाहिए था। एक एनजीओ द्वारा अधिकारियों पर ऐसा दबाव बनाना गलत है। सरकार को मामले की उच्चस्तरीय जांच भी करानी चाहिए। कि आखिर यह एनजीओ काम करने के उचित है या भी नहीं। = महेंद्र सिंह माहरा, राज्य सभा सांसद
एनजीओ को लेकर मुझे अभी जानकारी नहीं है। मैं जब कार्यक्रम में आया था तो वह काफी अच्छा था। इसका जरूर कुछ न कुछ हल जरूर निकलेगा। हमारे जिले में बहुत अच्छे अधिकारी है। अगर इन्हें कष्ट होगा तो मुझे कष्ट होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर कहीं किसी से इसमें चूक बच्चे ने की है तो यह गलत है। एडीएम हमारे काफी सुलझे हुए हैं। अच्छे अधिकारी कहां मिलते हैं। डीएम भी हमारे सुलझे हैं। मुझे विश्वास है कि यह वह इसे सुलझा लेंगे। = कैलाश गहतोड़ी, विधायक, चम्पावत