ट्रस्ट के विरोध में पूर्णागिरि के पुजारी
संवाद सहयोगी टनकपुर मां पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाने को लेकर बीते दिनों हाई कोर्ट द्वार
संवाद सहयोगी, टनकपुर : मां पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाने को लेकर बीते दिनों हाई कोर्ट द्वारा सरकार को तीन माह के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद ट्रस्ट की माग एक बार फिर से उठ खड़ी हुई है। जहा एक ओर श्रद्धालु व आम लोग पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनाने की माग कर रहे हैं, वहीं पूर्णागिरि के पुजारी रोजी रोटी का हवाला देते हुए ट्रस्ट के विरोध में खड़े हैं। एक तरफ लाखों श्रद्धालुओं से हो रही लूट का सवाल है तो दूसरी ओर पुजारी अपने अधिकार की बात कर रहे हैं। पुजारियों का कहना है यदि पूर्णागिरि को ट्रस्ट बनाया जाता है तो वे इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक में जाने को तैयार हैं।
मा पूर्णागिरि विकास संघर्ष समिति पूर्णागिरि को ट्रस्ट बनाए जाने की माग के समर्थन में कई बार हस्ताक्षर अभियान भी चलाए था। इससे पूर्व 1990 में हिदू जागरण मंच समेत तमाम हिन्दूवादी संगठनों द्वारा समय-समय पर इस मांग को लेकर कई बार आंदोलन व धरना प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन 28 वर्ष बीतने के बाद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। हाईकोर्ट की पहल पर अब नई सुगबुगाहट पैदा हो गई है। धाम में हर वर्ष देश के कोने-कोने व पड़ोसी देश नेपाल से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। 30 मई को मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में गैंडाखाली टनकपुर की जनहित में याचिका पर सुनवाई हुई। उन्होंने सरकार को याचिकाकर्ता प्रत्यावेदन तीन माह में निस्तारित करने के निर्देश दिए है। याचिका में कहा गया था कि चैत्र माह में मां पूर्णागिरि धाम में देश के कई हिस्सों से लाखों श्रद्धालु मां पूर्णागिरि धाम पहुंचते है। जिसमे पूजा व अर्चना का संपूर्ण कार्य ब्राहमण समुदाय के पांडेय व तिवारी बिरादरी द्वारा कार्य किया जाता है। भक्तों द्वारा चढ़ाया सोना-चांदी व लाखों का चढ़ावा मंदिर में चढ़ाया जाता है। जिसका मंदिर समिति के पास कोई रिकार्ड नही होता है। जिससे यह मोटी कमाई कुछ चंद लोगों की जेब में चली जाती है। ========= नहीं बनने देंगे ट्रस्ट : पांडेय
मंदिर समिति अध्यक्ष भुवन चंद्र पांडेय का कहना है कि मां पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट किसी भी सूरत में नहीं बनने देंगे। इस धाम से पांडेय व तिवारी समुदाय के हजारों परिवार की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। जल्द ही पुजारियों की एक बैठक आहुत की गई है। जिसमें निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह ट्रस्ट के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। ========= ट्रस्ट बनाना जरूरी : वर्मा
पूर्णागिरि विकास संघर्ष समिति के संरक्षक गिरीश वर्मा का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए ट्रस्ट बनाना जरूरी है। ट्रस्ट बनने से हर वर्ष मां पूर्णागिरि धाम में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी। समिति द्वारा लंबे समय से ट्रस्ट बनाए जाने की मांग की जाती रही है।
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श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधा : मुरारी
व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रकाश मुरारी ने धाम को ट्रस्ट बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा इससे देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही ट्रस्ट बनने से जहां मेला क्षेत्र को बेहतर आकार मिलेगा। वह पर्यटन के मानचित्र में भी अपना नाम अंकित करेगा। ========== पुजारियों ने नहीं किया अच्छा व्यवहार : मान सिंह
नेपाल के अतरिया से आए श्रद्धालु मानसिंह का कहना है कि मां पूर्णागिरि धाम को ट्रस्ट बनने से ही सभी श्रद्धालुओं का भला होगा। ट्रस्ट बनने से नेपाल से हर वर्ष आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिलेगी। ट्रस्ट न होने से मेला क्षेत्र के दुकानदारों व पुजारियों द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किया गया।
========= पुजारियों के हितों का भी रखा जाए ध्यान : गुलाब
स्थानीय दुकानदार गुलाब सिंह का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट का निर्माण होना बहुत जरूरी है, लेकिन ट्रस्ट बनने से पहले धाम के पुजारियों के हितों को भी ध्यान में रखा जाए। जिससे वर्षो से धाम की आस्था से जुड़ी परंपरा आगे चलती रही।