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स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को मिलेगा बाजार

विनय कुमार शर्मा चम्पावत जिले में गठित स्वयं सहायता समूहों के लिए अच्छी खबर है। प्रशासन अब औने-

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 10:38 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:34 AM (IST)
स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को मिलेगा बाजार
स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को मिलेगा बाजार

विनय कुमार शर्मा, चम्पावत

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जिले में गठित स्वयं सहायता समूहों के लिए अच्छी खबर है। प्रशासन अब औने-पौने दामों में बिक रहे समूहों के विभिन्न उत्पादों को बाजार दिलाने के लिए उचित मार्केट की तलाश करेगा। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा गठित विभागीय अधिकारियों की कमेटी ने अपना कार्य शुरू कर दिया है।

जिले में इस समय विभिन्न विभागों के माध्यम से गठित किए गए एक हजार से अधिक समूह विभिन्न आय अर्जक गतिविधियों में शामिल हैं। समूहों की महिलाएं दुग्ध उत्पादन से लेकर अचार तैयार करने और टैडीबियर, चुनरी के साथ कई प्रकार के खिलौने का निर्माण कर रही हैं। आरसेटी की ओर से जिले के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र टनकपुर में महिलाओं को चौलाई के लड्डू आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है लेकिन बाजार न मिलने के डर से महिलाएं सामग्री तैयार करने में डर रही हैं। चम्पावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट में अधिकांश महिलाएं दूध के अलावा पनीर, दही आदि तैयार तो कर रही हैं लेकिन उत्पादों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। इससे समूहों को सशक्त करने की सरकारी मंशा कामयाब नहीं हो पा रही है। अब जिलाधिकारी एसएन पांडे ने विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों की कमेटी गठित कर समूहों द्वारा उत्पादित माल को बाजार दिलाने की पहल शुरू कर दी है। सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी न केवल मार्केट तलाशेगी अपितु जनपद की पहिचान विशिष्ट उत्पाद के रूप में सुनिश्चित करेगी।

साग सब्जी उत्पादन को भी मिलेगा बढ़ावा

चम्पावत : जिले में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी अभिनव पहल की गई है। मुख्य कृषि अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी क्षेत्र विशेष में एक खास सब्जी या फसल को चिन्हित कर उसे बढ़ावा देगी। इसके लिए उत्पादकों से समन्वय स्थापित किया जाएगा।

टी डिस्ट्रिक के रूप में होगी पहचान

चम्पावत : जिले की पहिचान टी डिस्टिक के रूप में करने के लिए भी कमेटी का गठन किया गया है। सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी पर्यटन स्थलों का चिह्नीकरण करेगी जो एक ट्रेक में हों। पर्यटन सर्किटों के विकास के लिए प्रोजेक्ट तैयार करना भी समिति का काम होगा। कमेटी की बैठकों में पर्यटन के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

:::वर्जन

जिले के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन स्थानीय लोगों के हित और रोजगार के लिए करना जरूरी है। महिला समूहों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना और उपेक्षित पड़े पर्यटन स्थलों को एक ट्रेक पर लाकर पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देना प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी के तहत विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है। - एसएन पांडेय, जिलाधिकारी, चम्पावत


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